राहुल द्रविड़ को टीम से बाहर करने पर आलोचक भले ही चयन समिति पर निशाना साध रहे हों, लेकिन भारतीय कप्तान महेंद्रसिंह धोनी का मानना है कि इस पूर्व कप्तान की गैर मौजूदगी से युवा खिलाड़ियों को अपनी क्षमता साबित करने का मौका मिला है। उन्होंने कहा कि उनके सामने चिरप्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन करने की चुनौती भी है।
श्रृंखला के पहले एकदिवसीय मैच से पूर्व मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए धोनी ने कहा कि वह आक्रामकता के साथ-साथ जिम्मेदारी भरा खेल खेलेंगे।
यह पूछने पर कि क्या द्रविड़ की गैरमौजूदगी से मध्यक्रम कमजोर होगा, धोनी ने कहा आप ऐसा क्यों सोचते हैं। आप कहना चाहते हैं कि टीम के अन्य बल्लेबाज भरोसेमंद नहीं हैं। उन्होंने हालाँकि कहा कि अनुभवी खिलाड़ियों का आदर्श विकल्प मिलना आसान नहीं है।
धोनी ने कहा द्रविड़, सचिन तेंडुलकर, सौरव गांगुली और अनिल कुंबले जैसे प्रतिभावान खिलाड़ियों की जगह भरना मुश्किल है, लेकिन यह युवाओं के पास खुद को साबित करने का मौका है।
कप्तान ने कहा कि भारत बल्लेबाजी और गेंदबाजी में मजबूत है, लेकिन क्षेत्ररक्षण और विकेट के बीच दौड़ पर ध्यान देने की जरूरत है। भारतीय कप्तान ने कहा कि भारत-पाक मैचों के साथ जुड़ी गर्मजोशी युवाओं को अपनी प्रतिभा साबित करने का बेहतरीन मौका देती है।
चुनौती से निपटने को तैयार : दूसरी ओर पाकिस्तान के कप्तान शोएब मलिक ने भारतीय टीम पर दबाव डालने की कोशिश करते हुए कहा कि उनकी टीम को सही संयोजन मिल गया है और वह मेजबान टीम की चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं।
मलिक ने कहा दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हमने विभिन्न संयोजन अपनाए और यह हमने कुछ हद तक भारत के खिलाफ श्रृंखला को ध्यान में रखकर किया। उन्होंने कहा कि मुझे भरोसा है कि हमारे पास हर भूमिका के लिए खिलाड़ी मौजूद है।