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Written By वार्ता

जीत ही होगा 'पहली जंग' का मकसद

पहला वनडे मैच सोमवार को सुबह 8.35 से

जीत ही होगा ''पहली जंग'' का मकसद -
ट्‍वेंटी-20 विश्व कप की खिताबी भिड़न्त में चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 2 मर्तबा परास्त करने वाले भारतीय कप्तान महेंद्रसिंह धोनी के धुरंधर सोमवार को यहाँ होने वाले पहले वनडे क्रिकेट मैच में जीत के साथ सिरीज का आगाज करने के मजबूत इरादे से उतरेंगे। धोनी के सामने सबसे बड़ी चुनौती गौतम गंभीर और वीरेन्द्र सहवाग में से किसी एक को अंतिम 11 में चुनने की रहेगी।

यह मैच सोमवार की सुबह 8.35 से खेला जाएगा क्योंकि गुवाहाटी में सूर्यास्त जल्दी होता है। हालाँकि मैच को जल्दी शुरू किए जाने के निर्णय से पाक टीम के उपकप्तान यूनुस खान संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह क्या बात हुई कि आप सुबह उठकर आँख खोलें और पता चले कि मैच खेलना है।

पाकिस्तानी टीम ने भारत की जमीन पर कदम रखते ही यह ऐलान कर दिया था कि वह इस सिरीज को जीतकर ट्‍वेंटी-20 विश्व कप के फाइनल में मिली हार का बदला चुकाना चाहेगी।

हालाँकि पाकिस्तान में शनिवार शाम आपातकाल लागू होने की घोषणा से उसके खिलाड़ियों का ध्यान क्रिकेट से थोड़ा भटक सकता है लेकिन भारत-पाक सिरीज की अहमियत को देखते हुए इसकी संभावना कम ही है।

इस सिरीज की एक सबसे खास बात यह है कि इस बार दोनों ही देशों में इसे लेकर उन्माद जैसी स्थिति नहीं है। इससे खिलाड़ियों को सिर्फ क्रिकेट पर अपना ध्यान केंद्रित करने में सहूलियत रहेगी और भावनाओं के ज्वार तले दबने से बचे रहेंगे। दरअसल पिछले तीन वर्षों से लगातार एक दूसरे के खिलाफ खेलते रहने के कारण स्थिति सामान्य हुई है।

पाँच मैचों की सिरीज में पहला मैच जीतना काफी अहम होता है और दोनों ही टीमें इसी इरादे से यहाँ के नेहरू स्टेडियम में कदम रखेंगी। दोनों ही टीमें इससे ठीक पहले मजबूत टीमों के खिलाफ सिरीज हार चुकी हैं और वे जीत के साथ एक नई शुरुआत करना चाहेंगी।

दोनों ही टीमें कुछ और मामलों में बराबरी के स्तर पर हैं। पहला यह कि दोनों ही टीमों की कमान युवा खिलाड़ियों धोनी और शोएब मलिक के हाथ में है और दूसरी बात यह है कि भारत की टीम में जहाँ पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ जैसा बल्लेबाज नहीं है तो पाकिस्तान की टीम में मोहम्मद आसिफ जैसा सटीक गेंदबाज नहीं खेल रहा है।

इस तरह मुकाबला एकदम बराबरी का है और दोनों देशों के बीच प्रतिद्वंद्विता का पुराना इतिहास इसे एक शानदार सिरीज का रूप देने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। भारत को बस अपने घरेलू मैदान और दर्शकों के अपार समर्थन से थोड़ी बढ़त मिल सकती है।

जहाँ तक दोनों टीमों की ताकत की बात है तो निश्चित रूप से भारत बल्लेबाजी और पाकिस्तान गेंदबाजी में भारी पड़ते हुए दिख रहे हैं। भारत के पास मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर और पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की बेहद विश्वसनीय सलामी जोड़ी के अलावा वीरेंद्र सहवाग, धोनी, युवराज सिंह और राबिन उथप्पा के रूप में विस्फोटक बल्लेबाजों की एक लंबी फेहरिस्त है। गौतम गंभीर भी अपने शानदार फार्म के कारण काफी खतरनाक हो सकते हैं।

'द वॉल' के नाम से मशहूर द्रविड़ को सिरीज के पहले दो मैचों की टीम में शामिल न किए जाने से पाकिस्तान को थोडी राहत मिल सकती है। द्रविड़ पिछले कुछ समय से फॉर्म से बाहर चल रहे थे, जिसके आधार पर चयन समिति ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

लेकिन मेहमान टीम के उपकप्तान यूनुस खान का कहना है कि चयन समिति का यह कदम भारत के लिए भारी पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि अगर भारत यह दोनों मैच हार जाता है तो आप कल्पना नहीं कर सकते हैं कि टीम की क्या मनोदशा होगी। वैसे हमारे लिहाज से द्रविड जैसे बेहतरीन बल्लेबाज का भारतीय टीम में न होना अच्छा ही है। इस स्थिति में धोनी पर अपनी टीम को जीत दिलाने का काफी दबाव होगा।

अपने संक्षिप्त कार्यकाल में उन्होंने कप्तानी लायक बढ़िया मनोदशा दिखाई है और मुश्किल घड़ी में भी सकारात्मक बने रहना उनकी सबसे बड़ी खासियत है, लेकिन पाकिस्तान जैसी टीम के खिलाफ दबाव के क्षण उनकी असली परीक्षा लेंगे।

भारतीय टीम के लिए सबसे बड़ी परीक्षा 'रावलपिंडी एक्सप्रेस' शोएब अख्तर की अगुवाई वाली पाक पेस बैटरी से निपटने की होगी। अख्तर साथी गेंदबाज आसिफ के साथ मारपीट करने के मामले में 13 अंतरराष्ट्रीय मैचों का प्रतिबंध झेलकर हाल ही में टीम में लौटे हैं और वह भारत के खिलाफ एक बार फिर आग उगलने को बेताब होंगे। उन्होंने वापसी के बाद अपने एकमात्र मैच में दक्षिण अफ्रीका के चार विकेट लेकर यह जता दिया है कि उनकी गेंदों से बरपने वाले कहर में कोई कमी नहीं आई है।

लेकिन अख्तर के साथी तेज गेंदबाज उमर गुल, राव इफ्तिखार और सोहैल तनवीर भी भारतीयों के लिए कड़ी चुनौती पेश कर सकते हैं। गुल की सटीकता उनकी सबसे बड़ी खासियत है और उनके खिलाफ रन बनाना आसान नहीं होगा। किसी स्तरीय स्पिनर का न होना उसके गेंदबाजी आक्रमण की एकमात्र कमजोरी है।

दूसरी तरफ भारत जहीर खान की अगुवाई वाले गेंदबाजी आक्रमण से पाकिस्तानी बल्लेबाजों पर अंकुश रखने की उम्मीद करेगा। पिछले कुछ महीनों में रूद्रप्रताप सिंह और इरफान पठान का प्रर्दशन काफी बढ़िया रहा है। पाक कप्तान मलिक ने तो रूद्रप्रताप की खास तौर पर तारीफ करते हुए कहा कि उनके लिए पाकिस्तान ने खास रणनीति बनायी है।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गत महीने हुई वनडे सिरीज में गलत कारणों से चर्चा में रहे तेज गेंदबाज शांतकुमारन श्रीसंथ से भी भारत को खास उम्मीदें होंगी। अगर वह लय में गेंदबाजी करने में सफल रहे तो पाकिस्तानी बल्लेबाजों के लिए उन्हें खेल पाना मुश्किल होगा। इसके अलावा स्पिनर मुरली कार्तिक का खेलना भी लगभग तय है।

जहाँ तक पाकिस्तान की बल्लेबाजी का सवाल है तो एक बार फिर मोहम्मद यूसुफ, यूनुस खान और मलिक पर पूरी टीम टिकी रहेगी। सलमान बट के साथ उतरने वाले सलामी बल्लेबाज को लेकर अभी अनिश्चितता बनी हुहै और अगर विस्फोटक शाहिद अफरीदी अपने हाथ खोलने में कामयाब हो गए तो भारत के लिए बहुत बड़ा सिरदर्द बन सकते हैं।

निचले क्रम में विकेटकीपर बल्लेबाज कामरान अकमल भी लंबे शॉट खेलने की काबिलियत रखते हैं। पूर्वोत्तर भारत में विभिन्न उग्रवादी संगठनों की सक्रियता को देखते हुये मैच के लिए काफी कडी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। खिलाड़ियों की सुरक्षा के मद्देनजर ही दोनों टीमें यहां केवल एक दिन पहले पहुँची हैं। मैच के दौरान स्टेडियम के अंदर और बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहेंगे। दोनों टीमें इन खिलाड़ियों में से चुनी जाएँगी

भारत : सचिन तेंडुलकर, सौरव गांगुली, गौतम गंभीर, वीरेंद्र सहवाग, एमएस धोनी, युवराजसिंह, रॉबिन उथप्पा, मुरली कार्तिक, इरफान पठान, जहीर खान, आरपी सिंह, शांतकुमारन श्रीसंथ, प्रवीण कुमार, रोहित शर्मा और हरभजन सिंह।

पाकिस्तान : इमरान नजीर, सलमान बट, यूनुस खान, मोहम्मद यूसुफ, शोएब मलिक, शाहिद अफरीदी, यासिर हमीद, यासिर अराफात, राव इफ्तिखार, शोएब अख्तर, उमर गुल, सोहैल तनवीर, मिस्बाह उल हक, फवाद आलम और अब्दुर रहमान।