Last Modified: लंदन ,
शनिवार, 1 मार्च 2014 (01:24 IST)
'छींटाकशी' की जंग भी चलती रही है एशेज में
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लंदन। वेस्टइंडीज की 1970 के दशक की मजबूत टीम के खौफनाक तेज गेंदबाज एंडी रॉबर्ट्स को मैदान पर अपने विरोधियों से बात नहीं करने के बारे में जाना जाता था। जिन लोगों ने रॉबर्ट्स का सामना किया है यदि आप उनसे पूछो कि क्या इसका मतलब यह है कि उनमें ‘प्रतिबद्धता’ या ‘आक्रामकता’ की कमी थी तो पूरी संभावना है कि वह आपकी हंसी उड़ाएगा।
किसी क्रिकेट मैच में शामिल प्रत्येक खिलाड़ी के लिए रॉबर्ट्स की तरह चुप्पी साधे रखना बेहद मुश्किल है, क्योंकि टीमों को कई घंटों तक एक-दूसरे का सामना करना पड़ता है। असल में ब्रिस्बेन में 1946 में जब पहला एशेज टेस्ट मैच खेला गया तो ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज बल्लेबाज डान ब्रैडमैन को ‘नाटआउट’ दिया गया जबकि इंग्लैंड को पूरा विश्वास था कि गेंद उनके बल्ले को चूमकर दूसरी स्लिप में जैक इकिन के पास पहुंची थी।
रिपोर्टों के अनुसार इंग्लैंड के कप्तान वाली हैमंड ने इस पर कहा था कि यह (अपशब्द हटा दिए गए) एशेज श्रृंखला की शुरुआत का अच्छा तरीका है। इसके 67 साल बाद जबकि दोनों टीमों के बीच आपस में करार भी है तब ऑस्ट्रेलिया के कप्तान माइकल क्लार्क ने सारी हदें पार कर दीं।
उन्होंने ब्रिस्बेन में हाल में समाप्त हुए पहले एशेज टेस्ट मैच में इंग्लैंड के 11वें नंबर के बल्लेबाज जेम्स एंडरसन को ‘हाथ तोड़ देने’ की धमकी दे डाली। ऑस्ट्रेलिया ने यह मैच 381 रन से जीता था। (भाषा)