हीथ स्ट्रीक बोले, क्रिकेट के इस फॉर्मेट से ऊब चुके हैं वेस्टइंडीज के खिलाड़ी
कोलकाता। जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान हीथ स्ट्रीक का मानना है कि दुनिया भर के टी 20 लीग टूर्नामेंटों में वेस्टइंडीज के क्रिकेटरों की भारी मांग की एक वजह यह हो सकती है कि कैरेबियाई देशों के ताकतवर खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट से ऊब चुके है।
बात चाहे क्रिस गेल की हो या फिर आंद्रे रसेल, ड्वेन ब्रावो और कीरोन पोलार्ड की विश्व भर की टी 20 लीग टूर्नामेंटों में वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों बड़ी मांग है।
गेल ने इंडियन प्रीमियर लीग में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी आक्रमण वाली टीमों में से एक सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ 63 गेंद में नाबाद 104 रन की पारी खेली जिससे उनकी टीम किग्स इलेवल पंजाब ने 15 रन की जीत दर्ज की।
गेल से पहले रसेल 12 गेंद में 41 रन की तूफानी पारी खेल चुके है जिसके बूते कोलकाता नाइट राइडर्स ने दिल्ली डेयरडेविल्स को 71 रन से शिकस्त दी। ब्रावो (चेन्नई सुपरकिंग्स), कीरोन पोलार्ड और क्रिस लुइस (दोनों मुंबई इंडियंस) आईपीएल में अपनी टीमों के अहम खिलाड़ियों में से है।
स्ट्रीक ने कहा कि सबसे पहले, मुझे लगता है वे इसका ज्यादा लुत्फ उठाते हैं। वे लंबे प्रारूप का क्रिकेट खेल कर ऊब चुके है। वहां के कई खिलाड़ी दुनिया भर में लीग क्रिकेट खेल रहे है। अगर आप देखेंगे तो हमारी टीम में रसेल और सुनील नारायण जैसे खिलाड़ी है जबकि दूसरी टीम में पोलार्ड जैसे खिलाड़ी है।
उन्होंने कहा, 'आप ऐसे दौर में पहुंच रहे है जहां खिलाड़ी सिर्फ टी 20 क्रिकेट खेल कर करियर बना रहे है। वे पीएसएल (पाकिस्तान सुपर लीग), सीपीएल (कैरेबियन) , बीबीएल (बिग बैश) और आईपीएल में खेलते है। उनकी शारीरिक बनावट वैसी है, वे ताकतवर है। पोलार्ड और रसेल इतने ताकतवर खिलाड़ी है कि मिस हिट पर भी गेंद सीमारेखा पार कर जाती है।'
पंजाब के खिलाफ अगले मैच में गेल को रोकने के बारे में पूछे जाने पर केकेआर के गेंदबाजी कोच ने कहा कि उनके गेंदबाजों के पास इतनी विविधता है कि वे गेल को रोक सके।
उन्होंने कहा कि गेल को रोकने के लिए जरूरी है कि पारी की शुरुआत में उन्हें आउट किया जाए। अगर वह लय में आ गए तो उन्हें रोकना मुश्किल होगा। (भाषा)