इशान किशन अगर यह नहीं समझ पाएंगे कि वह वर्तमान में टी20 विश्व कप के लिए भारतीय टीम में जगह बनाने की दौड़ में शामिल खिलाड़ियों की सूची में सबसे निचले पायदान पर खड़े हैं तो वह काफी भोले होंगे।इस विकेटकीपर बल्लेबाज की टीम में प्रवेश की संभावना उस समय लगभग खत्म हो गई जब स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने जून में टी20 विश्व कप में खेलने की इच्छा जताई।
उनकी दुविधा को और बढ़ाते हुए मुख्य कोच राहुल द्रविड़ ने बुधवार को बयान दिया कि किशन को भारतीय टीम में वापसी के लिए घरेलू क्रिकेट खेलना होगा।इसका मतलब है कि सात सप्ताह तक कोई क्रिकेट नहीं खेलने के कारण बाएं हाथ के खिलाड़ी इशान को इस महीने के अंत में इंग्लैंड के खिलाफ शुरू होने वाली टेस्ट श्रृंखला के लिए नहीं चुना जा सकता है जहां कोना भरत को विकेटकीपर के तौर पर पहली पसंद के रूप में देखा जा रहा है।
जब PTI
(भाषा) ने झारखंड राज्य क्रिकेट संघ (JSCA) के सचिव देबाशीष चक्रवर्ती से यह जानने के लिए संपर्क किया कि क्या इशान ने मौजूदा रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट के लिए खुद को उपलब्ध कराया है तो उन्होंने नकारात्मक जवाब दिया।
चक्रवर्ती ने कहा, नहीं, इशान ने हमारे से संपर्क नहीं किया है। हमें अपनी उपलब्धता के बारे में कुछ भी नहीं बताया है। जब भी वह कहेंगे, वह अंतिम एकादश में आ जाएंगे।
तो क्या इशान ने अपने दिल की बात सुनकर और मानसिक थकान के कारण छुट्टी मांगकर सही काम किया? संभवत: उन्होंने बिलकुल सही काम किया।
लेकिन क्या उनके फैसले का समय गलत था? क्या वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट श्रृंखला के अंत तक कुछ समय के लिए रुक सकते थे?
यदि कोहली बनाम इशान की तुलना अनुभव और बड़े मैच में खेलने के जज्बे से की जाए तो झारखंड का खिलाड़ी इस स्टार क्रिकेटर के आसपास भी नहीं ठहरता।इशान एकदिवसीय विश्व कप तक सफेद गेंद के प्रारूप में शुभमन गिल के बाद सबसे अधिक निरंतर प्रदर्शन करने वाले बल्लेबाजों में से एक थे।
क्या उनके पास इस बात से निराश होने का कारण है कि घरेलू मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछली श्रृंखला में दबाव में दो अर्धशतक बनाने के बाद उन्हें दक्षिण अफ्रीका में एक भी टी20 खेलने का मौका नहीं मिला।
कोहली और उनकी तरह टी20 टीम में वापसी करने वाले कप्तान रोहित शर्मा दोनों को अगर मौका देना है तो बलि का बकरा इशान को ही बनाना होगा क्योंकि वह शीर्ष क्रम के खिलाड़ी हैं।टीम में बाएं हाथ के शीर्ष क्रम के एक और बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल भी हैं जो रेंज और गुणवत्ता के मामले में इशान से मामूली रूप से ही आगे होंगे।
कहा जाता है कि एक उभरता हुआ क्रिकेटर अक्सर दिग्गजों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करते हुए बहुत कुछ सीखता है। लेकिन किसी भी युवा खिलाड़ी से ऑफ द रिकॉर्ड पूछिए तो वह दृढ़तापूर्वक कहेगा कि कोई भी पानी और तौलिया ले जाकर क्रिकेट नहीं सीखता। खुद करके सीखना ही एकमात्र प्रक्रिया है।
बेशक इशान से दक्षिण अफ्रीका में चूक हो गई।वह इस बात से निराश थे कि लोकेश राहुल विकेटकीपर की जिम्मेदारी संभालेंगे लेकिन उन्हें अंदाजा नहीं था कि जहां तक उनके टी20 भविष्य का सवाल है तो उन्हें तत्काल की झटका मिल जाएगा।
अफगानिस्तान के खिलाफ पहले टी20 से पूर्व मुख्य कोच राहुल द्रविड़ के शब्दों के मायनों को समझा जा सकता है, जाना आपकी मर्जी थी, आना हमारी होगी।
इशान ने संभवत: भावनाओं में बहकर द्रविड़ के पास जाकर ब्रेक मांगा।
लेकिन क्या उनसे वहीं रुकने का अनुरोध किया गया था? जब तक द्रविड़ पुष्टि नहीं करते हमें इस बारे में पता नहीं चलेगा।इशान यह पढ़ने में विफल रहे कि फिनिशर के रूप में जितेश शर्मा टीम में आ रहे हैं और झारखंड के खिलाड़ी ने ब्रेक लेकर अपनी जगह स्वेच्छा से खाली कर दी।
BCCI के एक पूर्व अधिकारी ने कहा, वह शायद इंतजार कर सकता था और टेस्ट श्रृंखला के लिए रुक सकता था। भारतीय क्रिकेट में अगर आप अपनी मर्जी से अपनी जगह छोड़ते हैं तो हो सकता है कि वह आपको वापस नहीं मिले। बहुत सारी प्रतिभाएं मौजूद हैं।
अधिकारी हालांकि स्पष्ट था कि इशान अपना खाली समय कैसे बिताता है इससे किसी को मतलब नहीं होना चाहिए।उन्होंने कहा, एक बार जब बीसीसीआई ने उन्हें छुट्टी दे दी तो किसी को फर्क नहीं पड़ता कि वह अपना समय कैसे बिताता है।
तो क्या इशान निकट भविष्य में भारत की जर्सी पहन सकते हैं?बेशक, वह कर सकते हैं और संभवत: ऐसा होगा भी लेकिन शीर्ष तीन में एक स्थान खाली होने के बाद ही और तब तक उन्हें इंतजार करना होगा।