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Last Modified: शुक्रवार, 15 जनवरी 2021 (22:43 IST)

बहुत समय बाद भारत को मिला एक तेज तर्रार लेफ्ट आर्म पेसर

बहुत समय बाद भारत को मिला एक तेज तर्रार लेफ्ट आर्म पेसर - T Natrajan ends indias hunt for a left arm pacer
दुनिया के महानतम तेज गेंदबाजों की अगर फहरिस्त बनाई जाए तो ऐसा हो ही नहीं सकता कि बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज उसमें शुमार न हो। वसीम अकरम, मिचेल जॉनसन, चामिंडा वास आदि इस लिस्ट में जरूर देखे जाएंगे। 
 
इक्कीसवीं सदी से पहले भारत लंबे समय से किसी बाएं हाथ के तेज गेंदबाज की सेवाओं से महरूम रहा। फिर तत्कालीन कप्तान सौरव गांगुली टीम में लाए जहीर खान। इसके बाद तो जैसे भारत बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों की फैक्ट्री बन गया।
 
जहीर खान के बाद आशीष नेहरा, आशीष नेहरा ने बाद इरफान पठान, इरफान पठान के बाद आरपी सिंह, करीब एक दशक तक भारत को खब्बू गेंदबाज की कमी नहीं महसूस नहीं हुई। 
 
हालांकि इन गेंदबाजों के सन्यांस के बाद बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों का एक अकाल सा देखने को मिला। साल 2013 के बाद इनमें से कोई भी गेंदबाज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत के लिए खेलते हुए नहीं दिखा। 
 
ऐसा नहीं है कि इस साल के बाद टीम इंडिया में नए बाएं हाथ के तेज गेंदबाज नहीं आए  लेकिन किसी का भी प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा। जयदेव उनदकट ने 7 वनडे खेलकर 8 विकेट और 10 टी20 खेलकर 14 विकेट लिए। वहीं खलील अहमद ने 11 वनडे खेलकर 15 विकेट और 14 टी-20 खेलकर 13 विकेट लिए। 
 
लेकिन ऐसा लग रहा है कि टी नटराजन के बाद लंबे समय तक चल रही तेज तर्रार लेफ्ट आर्म पेसर की खोज बंद हो जाएगी। तमिलनाडू का यह 29 वर्षीय तेज गेंदबाज आईपीएल 2020 की खोज है। जिसने अपने यॉर्कर्स से सबको प्रभावित किया।
 
सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से खेले गए 16 मैचों में नटराजन ने 16 विकेट लिए। सर्वाधिक विकेट चटकाने वाले गेंदबाजों की लिस्ट में वह दसवें स्थान पर थे। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उन्हें मौका मिला और उन्होंने 10 ओवर में 70 रन देकर 2 विकेट लिए। उनके प्रदर्शन के कारण ही भारत ऑस्ट्रेलिया दौरे की पहली जीत दर्ज कर पाया।
 
हालांकि उन्होंने असली कमाल टी-20 सीरीज में दिखाया। उन्होंने तीन टी-20 मैचों में कुल छह विकेट लिए। यह दोनों टीम की तरफ से किसी भी गेंदबाज द्वारा लिए सबसे अधिक विकेट हैं। इस दौरान उनका इकोनॉमी रेट महज 6.91 का था।
 
उन्हें थोड़ी किस्मत का साथ मिला और बुमराह के चोटिल होने के बाद उन्हें टेस्ट पदार्पण का भी मौका मिला। यहां भी उन्होंने अपने जौहर दिखाए खतरनाक लग रही वेड (45)- लाबुशेन(108) जोड़ी को आउट कर उन्होंने बताया कि वह काफी लंबे समय तक भारतीय क्रिकेट के अभिन्न अंग बने रहेंगे। 
 
एक ही दौरे में 44 दिन के भीतर वनडे - टी20 और टेस्ट में नटराजन ने डेब्यू कर लिया है। यह एक बड़ी उपलब्धि है। उम्मीद है कि वह टीम में स्थायी रहकर गेंदबाजी क्रम की विविधता बनाए रखें। (वेबदुनिया डेस्क)
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