मंगलवार, 29 अप्रैल 2025
  • Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. क्रिकेट
  3. समाचार
  4. Supreme Court, BCCI Officer, BCCI
Written By
Last Modified: मंगलवार, 3 जनवरी 2017 (23:02 IST)

सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई मामले को किया स्‍पष्‍ट

Supreme Court
नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को साफ तौर पर कहा कि कोई भी व्यक्ति बीसीसीआई का पदाधिकारी बनने से अयोग्य करार दिया जाएगा अगर वह बोर्ड या अन्य किसी राज्य संघ का नौ बरस की संचित अवधि तक पदाधिकारी रहा हो।
मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने फैसले को स्पष्ट किया। इससे पहले सीनियर एडवोकेट और न्यायमित्र गोपाल सुब्रहमण्यम ने कल के फैसले में असावधानीवश हुई त्रुटि का जिक्र किया जिसमें कहा गया था कि यदि कोई व्यक्ति नौ वर्ष की संचित अवधि तक बीसीसीआई का ही पदाधिकारी रहा हो तो वह अयोग्य होगा।
 
पीठ ने कहा, गोपाल सुब्रहमण्यम ने हमारे फैसले में असावधानीवश हुई त्रुटि की ओर ध्यान दिलाया जिसे सुधारकर अब इस तरह पढ़ा जाएगा कि कोई भी व्यक्ति अगर वह बीसीसीआई या राज्य संघ का नौ वर्ष की संचित अवधि तक पदाधिकारी रहा तो वह अयोग्य होगा। 
 
न्यायालय ने बीसीसीआई प्रशासकों के लिए नामों का सुझाव देने के मामले में अदालत की सहायता करने में असमर्थता जताने के बाद आज मशहूर अधिवक्ता एफएस नरीमन के स्थान पर वरिष्ठ वकील अनिल दीवान को नियुक्त किया। 
 
नरीमन ने मुख्य न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अगुवाई वाली पीठ को बताया कि उन्होंने 2009 में वकील के रूप में भारतीय क्रिकेट बोर्ड का प्रतिनिधित्व किया था और इसलिए वे इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं। 
 
इसके बाद पीठ ने दीवान को इस मामले में न्यायमित्र के रूप में अदालत की मदद कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रहमण्यम के साथ काम करने और बीसीसीआई का कामकाज देखने के लिए प्रशासकों के नाम सुझाने के लिए कहा। पीठ में न्यायमूर्ति एएम खानविलकर और डीवाई चंद्रचूड़ भी शामिल हैं। 
 
अदालत ने इन दोनों वकीलों को दो सप्ताह के अंदर संभावित प्रशासकों के नामों का सुझाव देने के लिए कहा था। शीर्ष अदालत ने कल अनुराग ठाकुर और अजय शिर्के को क्रमश: बीसीसीआई अध्यक्ष और सचिव पद से हटाने का आदेश दिया था। (भाषा)
ये भी पढ़ें
अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी नहीं : गांगुली