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Written By WD Sports Desk
Last Updated : शनिवार, 13 जुलाई 2024 (15:58 IST)

जब श्रीसंत ने मालिश के लिए धोनी की नहीं मानी थी बात, आश्विन की किताब में कुछ दिलचस्प किस्से

अश्विन की किताब में धोनी के श्रीसंत को सुधारने, उनके माकंडिंग पदार्पण और ‘रमन प्रभाव’ के किस्से

जब श्रीसंत ने मालिश के लिए धोनी की नहीं मानी थी बात, आश्विन की किताब में कुछ दिलचस्प किस्से - Stories of Dhoni improving Sreesanth, his commanding debut and Raman effect in Ashwin's book
Ravichandran Ashwin I Have the Streets: A Kutti Cricket Story : आर अश्विन की आत्मकथा ‘आई हैव द स्ट्रीट्स -ए कुट्टी क्रिकेट स्टोरी’ (I Have the Streets: A Kutti Cricket Story) में पढ़ने के लिए कुछ मजेदार किस्से मौजूद हैं जिसमें नाराज महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) का एस श्रीसंत (S Sreesanth) को मैच के बीच में स्वदेश भेजने के फैसले के वाकये से लेकर किशोरावस्था में ‘मांकडिंग’ डेब्यू (Mankading)  और डब्ल्यू वी रमन (W.V. Raman) का उन्हें मारक ऑफ स्पिनर बनाने का प्रयास करने की बातें शामिल हैं।
 
इस 184 पन्ने की किताब को पेंगुइन रैंडम (Penguin Random House) ने प्रकाशित किया है जिसके सह लेखक सीनियर पत्रकार सिद्धार्थ मोंगा (Sidharth Monga) है जिसमें अश्विन के शुरूआती वर्षों से लेकर 2011 तक भारत की ऐतिहासिक विश्व कप जीत तक का सफर शामिल है।



 
इसमें सबसे दिलचस्प वाकया गुस्साए धेानी का 2010 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पोर्ट एलिजाबेथ (अब गक्बेरहा) में सीमित ओवर के एक मैच के बीच में अश्विन को निर्देश देना था कि वह टीम मैनेजर रंजीब बिस्वाल से कहें कि वह एस श्रीसंत को अगली उड़ान से स्वदेश भेज दें।
 
और ऐसा इसलिए क्योंकि श्रीसंत ने ‘ड्रेसिंग रूम’ में मालिश करवाने के लिए कप्तान की ‘डग आउट’ में अन्य ‘रिजर्व’ खिलाड़ियों के साथ बैठने के निर्देश को बार बार अनदेखा किया था।
 
धोनी के ऐसा करने से श्रीसंत मालिश छोड़कर डग आउट में आ गए थे और ‘ड्रिंक’ ब्रेक में चुस्ती से काम करते दिखे।
 
टेस्ट मैचों में 500 विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय गेंदबाज अश्चिन ने यह भी बताया कि कैसे उनके पिता रविचंद्रन ने उन्हें स्कूल में हुए एक मैच में बहुत ज्यादा पीछे जाने के कारण ‘नॉन स्ट्राइकर’ पर खड़े खिलाड़ी को रन आउट करने के लिए कहा था।
 
खेल के नियमों के अनुसार और निष्पक्ष खेलने के समर्थक अश्विन ने किताब में लिखा, ‘‘मैं 12 साल का था और स्कूल के तनावपूर्ण मैच के दौरान गेंदबाजी कर रहा था। तभी मैंने स्ट्राइकर के पीछे से अप्पा (पिता) को इशारा करते हुए देखा जो बता रहे थे कि ‘नॉन स्ट्राइकर’ खिलाड़ी गेंद फेंके जाने से पहले ही आगे बढ़ रहा था।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘वह चाहते थे कि मैं उसे ‘मांकडिंग’ से आउट करूं। मैंने ऐसा किया। कोच ने एक हफ्ते तक अप्पा से बात नहीं की। ’’
 
भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज डब्ल्यू वी रमन को उनके तकनीकी जानकारी के लिए भारतीय क्रिकेट में काफी सम्मान मिलता है। और उनके प्रति यह सम्मान अश्विन की किताब में स्पष्ट रूप से दिखाई दिया। (भाषा)