गांगुली ने माना, 'रोहित देंगे नतीजे, धैर्य रखें', 2003 विश्वकप फाइनल पर दिया बयान
कोलकाता: भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने बुधवार को रोहित शर्मा को धैर्य से काम लेने वाला कप्तान करार देते हुए कहा कि मुंबई के इस क्रिकेटर को परिणाम देने के लिए कुछ समय दिया जाना चाहिए।
पैंतीस वर्षीय रोहित के विराट कोहली की जगह सभी प्रारूपों में पूर्णकालिक कप्तान बनने के बाद से कार्यभार प्रबंधन, कोविड और चोट की चिंताओं के बीच भारत ने सात कप्तानों को विभिन्न चरणों में टीम का नेतृत्व करते हुए देखा है।
गांगुली मुंबई इंडियंस के लिए रिकॉर्ड पांच इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) खिताब जीतने वाले रोहित से प्रभावित हैं और उन्होंने कहा कि दिग्गज महेंद्र सिंह धोनी और कोहली जैसों से तुलना से पहले उन्हें पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए।
गांगुली ने यहां आधुनिक भारत में नेतृत्वक्षमता पर बंगाल पीयरलेस के कार्यक्रम के दौरान कहा, रोहित शर्मा स्पष्ट रूप से थोड़े शांत हैं जो चीजों को बहुत धैर्यपूर्ण और सतर्क तरीके से लेते हैं, न कि कोई ऐसा जो काफी आक्रामक हो।
गांगुली अपने संन्यास के बाद से भारतीय कप्तानों से जुड़े सवाल का जवाब दे रहे थे।उन्होंने कहा, भारत ने पिछले कुछ वर्षों में कुछ महान कप्तान दिए हैं। धोनी जिन्होंने बदलाव के दौर को शानदार तरीके से संभाला और केवल भारत के लिए नहीं बल्कि अपनी फ्रेंचाइजी (चेन्नई सुपर किंग्स) के लिए भी सफलता हासिल की।
बीसीसीआई अध्यक्ष ने कहा, इसके बाद विराट कोहली आए जिनका रिकॉर्ड भी शानदार है। वह एक अलग तरह के कप्तान थे, उन्होंने चीजों को अलग तरह से किया।
उन्होंने कहा, हर व्यक्ति अलग होता है लेकिन जो मायने रखता है वह परिणाम है और आपके पास कितनी जीत और हार हैं। मैं कप्तानों की तुलना नहीं करता, हर किसी का नेतृत्व करने का अपना तरीका होता है।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2003 विश्व कप फाइनल में गांगुली के पहले गेंदबाजी करने के फैसले की थोड़ी आलोचना हो सकती है क्योंकि रिकी पोटिंग की अगुवाई वाली टीम ने दो विकेट पर 359 रन बनाए लेकिन तत्कालीन भारतीय कप्तान को अपने फैसले पर कोई मलाल नहीं है।
विश्वकप 2003 के टॉस को नहीं माना बड़ी गलतीऑस्ट्रेलिया ने 125 रन के विशाल अंतर से लगातार दूसरा विश्व कप खिताब जीता।गांगुली ने कहा, मैं पीछे मुड़कर नहीं देखता। मैं निराश था कि मैं फाइनल हार गया लेकिन मुझे नहीं लगता कि टॉस फाइनल हारने का कारण था। हम अच्छा नहीं खेले।
भारतीय फुटबॉल पर फीफा के प्रतिबंध के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, मैं फुटबॉल से नहीं जुड़ा इसलिए मैं इस सवाल का जवाब नहीं दे पाऊंगा लेकिन मुझे लगता है कि हर खेल निकाय की एक प्रणाली होती है, हर खेल निकाय के अपने नियम होते हैं। बीसीसीआई में भी हमारे नियम और दिशानिर्देश हैं।
(भाषा)