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  4. Shubman should focus on his decisions, dont pay attention to outside voices says Sachin Tendulkar
Written By WD Sports Desk
Last Updated : शुक्रवार, 20 जून 2025 (11:36 IST)

भारतीय टीम के नए कप्तान गिल को सचिन की सीख, मैदान की बात सुनो, भीड़ की नहीं

India vs England Test Series
IND vs ENG Test Series : महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) का मानना है कि भारतीय क्रिकेट में बदलाव के कठिन दौर में टीम की कमान संभालने जा रहे शुभमन गिल (Shubman Gill) को उचित समय और सहयोग दिया जाना चाहिए और नए कप्तान को सलाह दी कि ड्रेसिंग रूम से बाहर की टिप्पणियों पर सोचे बिना वह अपनी रणनीति पर फोकस रखें।
 
25 वर्ष के गिल इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में भारत के कप्तान होंगे। इस सीरीज के साथ ही विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप के नए चक्र की शुरूआत होगी।


 
भारतीय टीम अपने तीन सबसे अनुभवी खिलाड़ियों विराट कोहली, रोहित शर्मा और रविचंद्रन अश्विन के बिना उतरेगी जो टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले चुके हैं।
 
हेडिंग्ले में पहले टेस्ट से पूर्व पीटीआई को दिए इंटरव्यू में तेंदुलकर ने कहा,‘‘ मुझे लगता है कि उसे (गिल को) समय देना होगा। उसे सहयोग देने की भी जरूरत है।’’
 
भारत का कप्तान होना काफी दबाव वाला काम है और तेंदुलकर को पता है कि अलग अलग तरह के सुझाव सामने आयेंगे लेकिन उनका मानना है कि गिल इससे बखूबी निबट लेंगे।
 
उन्होंने कहा ,‘‘ मुझे लगता है कि कई तरह के सुझाव सामने आयेंगे कि उसे ऐसा करना चाहिए या वैसा करना चाहिए। इस तरह की बातें होंगी लेकिन उसे टीम की रणनीति पर फोकस करना चाहिए। ड्रेसिंग रूम में क्या बात हो रही है और क्या रणनीति उसके अनुरूप है।’’
 
तेंदुलकर ने कहा ,‘‘ और जो भी फैसले हो रहे हैं, वे टीम के हित में हैं या नहीं और उसे किस पर ध्यान देना चाहिए। उसे बाहरी आवाजों पर ध्यान नहीं देना चाहिए जिसमें लोग कहेंगे कि वह अधिक आक्रामक है या अधिक रक्षात्मक या इसी तरह की बातें। लोग राय देते रहेंगे।’’
 
उन्होंने कहा ,‘’ आखिर में मायने यही रखता है कि ड्रेसिंग रूम में क्या हो रहा है और टीम के हित में वह क्या कर रहा है। यही अहम है, बाकी कुछ नहीं।’’
 
इंग्लैंड में 1990 से 2011 के बीच में पांच टेस्ट श्रृंखलायें खेल चुके तेंदुलकर का मानना है कि बल्लेबाजों को हालात के अनुरूप खुद को ढालना होगा।
 
उन्होंने कहा ,‘‘ आपको हालात को भांपकर उसके अनुरूप बल्लेबाजी करनी होगी। जब आप हालात को समझते हैं तो मानसिक तौर पर उस तरह से अपनी रणनीति बना सकते हैं। एकतरफा ट्रैफिक नहीं हो सकता कि मेरा खेल ऐसा है और मैं तो ऐसे ही खेलूंगा।’’
 
तेंदुलकर ने कहा ,‘‘ बल्लेबाजों को लचीला रवैया रखना होगा। ऐसा नहीं करने पर भारी खामियाजा उठाना पड़ सकता है। आपको पता होना चाहिये कि कब आक्रामक खेलना है और कब रक्षात्मक।’’
 
चुनौतियों के बावजूद भारत के पास काफी सकारात्मक पहलु हैं मसलन करूण नायर और बी साइ सुदर्शन जैसे बल्लेबाज भले ही इंग्लैंड में टेस्ट क्रिकेट नहीं खेले हों लेकिन नॉर्थम्पटनशर और सर्रे के लिये काउंटी क्रिकेट खेल चुके हैं।
 
तेंदुलकर ने कहा ,‘ ये सभी इंग्लैंड में खेल चुके हैं। भले ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला हो लेकिन इंग्लैंड में क्रिकेट खेला है। वे यहां की परिस्थितियों से अनभिज्ञ नहीं हैं। वे दक्षिण अफ्रीका में, न्यूजीलैंड में, आस्ट्रेलिया में खेल चुके हैं । इन सभी अनुभवों से काफी कुछ सीखने को मिलता है। इन सभी अनुभवों को मिलाकर अभ्यास करेंगे तो परिणाम अच्छा ही होगा।’’
 
यह पूछने पर कि क्या दो स्पिनरों को उतारने की रणनीति सही होगी, तेंदुलकर ने कहा ,‘‘ यह पिच पर निर्भर करेगा। पिच पर घास है या नहीं। अगर घास नहीं है तो दो स्पिनरों को उतारा जा सकता है।’’ (भाषा)

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