नई दिल्ली। जब से विराट कोहली ने टीम इंडिया की कमान संभाली है, तब से भारतीय टीम एक के बाद एक सफलता की नई इबादत लिखती जा रही है। इन कामयाबियों के बीच विराट की पत्नी और बॉलीवुड अभिनेत्री अनुष्का शर्मा के बारे में आई एक बड़ी खबर आई है जिसने नए विवाद को जन्म दे दिया है। अनुष्का इस खबर का ताल्लुक नेशनल सिलेक्टर से है।
भारतीय क्रिकेट का इतिहास गवाह है कि किसी भी कप्तान की पत्नी कभी टीम के चयन में दखल नहीं देती और न ही वह चयनकताओं के संपर्क में रहती है। हां, टीम के चयन में कप्तान की भूमिका को जरूर नजरअंदाज नहीं किया जाता लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है कि टीम इंडिया के एक सिलेक्टर कप्तान की पत्नी की तीमारदारी में लगा हुआ था, वह भी वर्ल्ड कप जैसे महत्वपूर्ण प्रसंग पर।
'टाइम्स ऑफ इंडिया' में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है, जिसमें यह खुलासा हुआ कि इंग्लैंड में जून-जुलाई 2019 में आयोजित हुए वर्ल्ड कप के दौरान वहां मौजूद कप्तान विराट कोहली की पत्नी अनुष्का शर्मा की जी-हुजूरी में एक ऐसा व्यक्ति भी लगा हुआ था, जिनका जिम्मा भारतीय क्रिकेट टीम को चुनना होता है।
वर्ल्ड कप के दौरान देखा नजारा : 81 बरस के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज फारूख इंजीनियर ने वर्ल्ड कप के दौरान हुए एक वाकिए का जिक्र करते हुए कहा कि मैं इंग्लैंड में ही था और इसी दौरान एक सिलेक्टर से अनायास मिला। मैं उसे जानता तक नहीं था, लिहाजा पूछ बैठा कि तुम कौन हो? उसका जवाब था कि मैं भारतीय क्रिकेट टीम के चयनकर्ताओं में से एक हूं।
टीम इंडिया के ब्लेजर ने किया आकर्षित : फारुख इंजीनियर ने बताया कि असल में मैं जिस सिलेक्टर से होटल में मिला, उसने टीम इंडिया का ब्लेजर पहन रखा था। मुझे तब ताज्जुब हुआ, जब यह सिलेक्टर अनुष्का शर्मा के गले के नीचे उतर गई चाय के खाली कप को उठाने का काम कर रहा था...मैं सोच भी नहीं सकता था कि टीम इंडिया का यह सिलेक्टर इतना नीचे गिर सकता है। चापलूसी की भी हद है...जो काम बैरे का होना चाहिए वो काम सिलेक्टर कर रहा था?
अनुष्का शर्मा ने किया खंडन : हालांकि फारुख इंजीनियर के तमाम आरोपों को अनुष्का शर्मा ने सिरे से खारिज करते हुए इस खबर को गलत और मनगढ़ंत बताया। सोशल मीडिया पर ट्वीट करते हुए अनुष्का शर्मा ने कहा कि मेरे 11 साल के करियर में ऐसा पहली बार हुआ है। उन्होंने कहा कि मैं सिर्फ कॉफी पीती हूं न कि चाय। जो भी खबर मेरे बारे में प्रकाशित हुई है, वह पूरी तरह गलत है। मैं कभी टीम मीटिंग का न तो हिस्सा रही और न ही चयन में मेरा कोई दखल रहता है।
चयन समिति की विश्वसनीयता पर सवाल : पूर्व विकेटकीपर फारुख इंजीनियर ने एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली चयन समिति की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए। उन्हें हैरत है कि जिन क्रिकेटरों ने केवल 10 से 12 टेस्ट मैच खेले हैं, वे कैसे कैसे भारतीय टीम के सिलेक्टर बन बैठे?
दिलीप वेंगसरकर क्रिकेटर हों सिलेक्टर : एमएसके प्रसाद की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय क्रिकेट चयन समिति का कार्यकाल अगले महीने समाप्त हो रहा है। फारुख इंजीनियर ने सुझाव दिया कि दिलीप वेंगसरकर जैसे पूर्व कप्तान को और उनकी तरह के क्रिकेटरों को चयन समिति का हिस्सा होना चाहिए, जिन्हें क्रिकेट की समझ और अनुभव हो। इंजीनियर ने मौजूदा चयन समिति को मिकी माउस चयन समिति करार दिया।
विराट कोहली से कोई परहेज नहीं : भारतीय टीम के पूर्व विकेटकीपर और 1961 से लेकर 1975 तक 46 टेस्ट मैच खेलकर 2611 रन (2 शतक, 16 अर्धशतक) बनाने वाले फारुख इंजीनियर को कप्तान विराट कोहली से कोई परहेज नहीं है। उन्होंने कहा कि विराट जैसा कप्तान किसी भी टीम के पास होना गर्व की बात है। उनकी कुशल कप्तानी और खिलाड़ियों के जुझारू प्रदर्शन से ही टीम इंडिया शीर्ष पर पहुंची है।
सौरव गांगुली से उम्मीद : इंजीनियर ने पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के बीसीसीआई के मुखिया बनने पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उनके रहते भारतीय क्रिकेट का भविष्य सुरक्षित हाथों में हैं। वे आक्रामक कप्तान रहे हैं और साहसिक फैसलों के लिए जाने जाते हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि अगली राष्ट्रीय चयन समिति में वे पूर्व और अनुभवी क्रिकेटरों को स्थान देंगे।