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Last Updated : रविवार, 27 मार्च 2022 (10:48 IST)

रोहित शर्मा और ऋषभ पंत होंगे आमने सामने, यह है MI और DC की ताकत और कमजोरियां

रोहित शर्मा और ऋषभ पंत होंगे आमने सामने, यह है MI और DC की ताकत और कमजोरियां - Rohit Sharma and Rishabh Pant to lock horns in IPL 2022
मुंबई के ब्राबोन स्टेडियम में भारतीय कप्तान रोहित शर्मा और सीमित ओवरों के उपकप्तान ऋषभ पंत की टीमों क्रमशः मुंबई इंडियंस और दिल्ली कैपिटल्स के बीच रविवार को होने वाले टाटा आईपीएल मुकाबले में दिलचस्प भिड़ंत होगी।

हेड टू हेड रिकॉर्ड

अगर इन दोनों टीमों के हेड टू हेड रिकॉर्ड की बात करें तो दोनों ही टीमें 30 मैच खेली हैं, जिसमें से 16 मैच मुंबई ने और 14 मैच दिल्ली ने जीते हैं। इन आंकड़ो को देखकर लगता है कि दोनों के बीच कांटे की टक्कर होगी क्योंकि मुंबई दिल्ली से थोड़ी ही आगे है।

2021 में गत चैंपियन के तौर पर उतरी मुंबई इंडियंस एक स्थान से प्लेऑफ़ में जगह बनाने से रह गई थी, जहां वह पांचवें स्थान पर रही थी। टीम ने टूर्नामेंट में बहुत अंत में जाकर वापसी का प्रयास किया लेकिन तब तक बहुत देर हो गई थी। दूसरी तरफ दिल्ली कैपिटल्स ने लीग दौर में 14 मैचों में 10 में जीत दर्ज की थी, लेकिन वह दोनों क्वालीफ़ायर्स नहीं जीत पाए थे और फ़ाइनल में जगह बनाने से चूक गए थे।

मुंबई इंडियन्स की ताकत मजबूत बल्लेबाजी क्रम

मुंबई के शुरुआती तीन क्रम के बल्लेबाज़ रोहित शर्मा, इशान किशन और सूर्यकुमार यादव मज़बूत हैं, जबकि किशन तीसरे या चौथे नंबर पर भी उतारा जा सकता है, जहां अनमोलप्रीत से ओपनिंग कराई जा सकती है। उन्होंने पिछले साल चेन्नई सुपर किंग्स के ख़िलाफ़ एक बार जरूर ओपनिंग की थी।

इसी तरह नंबर पांच और नंबर छह पर फ़ीनिशर के रोल में उनके पास कीरोन पोलार्ड और टिम डेविड जैसे नाम हैं, इसके अलावा वह डेनियल सैम्स या फ़ेबियन ऐलेन में से किसी एक हरफ़नमौला को भी खिला सकते हैं।जसप्रीत बुमराह मुंबई के तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण का नेतृत्व करना जारी रखेंगे, लेकिन अब उनके साथ टाइमल मिल्स होंगे, जिससे अब मुंबई के पास अच्छा डेथ बॉलिंग आक्रमण है।

दिल्ली कैपिटल्स की ताकत है उनके फिनिशर्स

कप्तान ऋषभ पंत के अलावा नीचे आक्रमण करने वाले खिलाड़ियों की कमी नहीं है,  रोवमन पॉवेल जैसे तेज तरार बल्लेबाज फ़ीनिशर का रोल निभा सकते हैं। फिलहाल वॉर्नर की जगह सीधे तौर पर टिम साइफ़र्ट लेंगे, जबकि मार्श की जगह कोई भारतीय बल्लेबाज़ लेगा।

शार्दुल ठाकुर निचले बल्लेबाज़ी क्रम में हिटिंग कर सकते हैं, जिससे वह भारतीय तेज़ गेंदबाज़ों में खेलने के लिए सबसे आगे हैं, जिससे चेतन सकारिया और ख़लील अहमद में तीसरे तेज़ गेंदबाज़ के लिए प्रतिस्पर्धा होगी। अक्षर पटेल और कुलदीप यादव स्पिन आक्रमण की कमान संभालेंगे।

मुंबई को ढूंढना होगा पॉवरप्ले का गेंदबाज और स्पिनर

हाल ही में नीलामी में ख़रीदे गए खिलाड़ियों में से केवल जोफ़्रा आर्चर ही इस सीज़न में नहीं खेल पाएंगे। वहीं चोटिल सूर्यकुमार यादव के दिल्ली कैपिटल्स के ख़िलाफ़ पहले मुक़ाबले में खेलने की उम्मीद कम है। क्विंटन डिकॉक और पांड्या भाईयों के जाने से मुंबई की बल्लेबाज़ी में कमज़ोरी आई थी, लेकिन उन्होंने नीलामी में इस कमी को अच्छे से पूरा कर लिया।

उनके लिए एक ही सवाल यह है कि अगर सूर्यकुमार नंबर तीन पर बल्लेबाज़ी करेंगे तो नंबर चार पर कौन बल्लेबाज़ी करेगा। अगर कोई पहली पसंद का बल्लेबाज़ चोटिल या फ़ॉर्म से बाहर रहता है तो मुंबई के पास भारतीय बल्लेबाज़ों का भी कम विकल्प है।

डेथ ओवरों से पहल पावरप्ले आता है और अब मुंबई की टीम में ट्रेंट बोल्ट नहीं हैं जो पहले छह ओवरों में टोन सेट करते थे। ऐसे में मुंबई को सोचना होगा कि वह पावरप्ले में किससे गेंदबाज़ी कराए। बुमराह आम तौर पर पावरप्ले में केवल एक ही ओवर करते हैं।

मध्य ओवरों के लिए मुंबई इस बार भी अच्छे स्पिनर की कमी महसूस करेगी। मुरुगन अश्विन और मयंक मारकंडे उनके पास दो ही भारतीय स्पिनर हैं, वहीं ऐलेन एक हरफ़नमौला की तरह से टीम में हैं। मुंबई एक बड़े स्पिनर की कमी जरूर महसूस करेगी, क्योंकि टूर्नामेंट के दूसरे हाफ़ में गेंद ज़्यादा टर्न होना शुरू हो जाएगी, ऐसा इसीलिए क्योंकि इस बार यह टूनामेंट चार ही मैदानों पर खेला जाना है।

दिल्ली के पास है समस्याएं ही समस्याएं

काग़ज़ पर तो कैपिटल्स की अच्छी अंतिम एकादश दिखती है, लेकिन खिलाड़ियों की उपलब्धता उनका सिर का दर्द बढ़ा सकती है। डेविड वॉर्नर पहले दो मैचों में अनुपलब्ध रहेंगे, जबकि मिचेल मार्श पहले तीन मैचों में उपलब्ध नहीं रहेंगे। लुंगी एनगिडी और मुस्तफ‍़िज़ुर रहमान साउथ अफ़्रीका और बांग्लादेश के बीच चल रही वनडे सीरीज़ का हिस्सा हैं और वह पहले मैच नहीं खेल पाएंगे।

कैपिटल्स के लिए सबसे बड़ी चिंता एनरिक नोर्त्जे की फ‍़िटनेस है। उनके इस सीज़न में खेलने की बहुत कम संभावना थी, लेकिन वह रविवार को कैपिटल्स के साथ जुड़ गए हैं। यह समझा जाता है कि नोर्त्जे पहले कुछ मैचों में बाहर रहेंगे, लेकिन फ़्रेंचाइज़ी के लिए समायोजन बैठाना भी एक अलग सिर दर्द होगा।

इन खिलाड़ियों पर रहेगी निगाह

स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन इंडियन प्रीमियर लीग नीलामी के इतिहास में युवराज सिंह के बाद दूसरे सबसे महंगे भारतीय खिलाड़ी बन गए जिन्हें मुंबई इंडियंस ने सनराइजर्स हैदराबाद से लंबी होड़ के बाद 15 करोड़ 25 लाख रूपये में फिर खरीदा था। पहले ही नहीं पूरे सत्र में इस कारण सबकी निगाहें उन पर रहेंगी कि उन्होंने अपनी कीमत अदा की या नहीं।

विदेशी खिलाड़ियों के विकल्पों में मुंबई के पास "बेबी एबी" डेवाल्ड ब्रेविस भी हैं, जो हाल ही में समाप्त हुए अंडर 19 विश्व कप में प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट रहे थे, जहां पर उन्होंने मैदान के चारों ओर शॉट लगाते हुए 84.33 के औसत और 90.19 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए थे।

मुंबई ने जयदेव उनादकट को मेगा नीलामी में खरीदा है। 2019 आईपीएल से उनदकट की इकॉनमी 7.22 और 7.10 की रही है जो टी-20 क्रिकेट के हिसाब से खासी बेहतरीन है। बोल्ट की गैर मौजूदगी में उनदकट पर दबाव तो है लेकिन इस दबाव में वह बिखरते हैं या निखरते हैं, यह देखने वाली बात होगी।

दिल्ली कैपिटल्स ने शार्दुल ठाकुर को 10.75 करोड़ रुपए में खरीदा था।दीपक चाहर की तरह शार्दुल ठाकुर भी गेंद और बल्ले से उपयोगी साबित होते हैं। इस कारण ही उनको लेकर फ्रैंचाइजी खासा उत्साहित रही। पिछले सीजन में शार्दुल ठाकुर चेन्नई सुपर किंग्स का हिस्सा थे। उन पर पहले मैच में थोड़ी ज्यादा जिम्मेदारी आ सकती है। वह इसको कैसे निभाते हैं यह देखने वाली बात होगी।

पिछले साल सितंबर में संयुक्त अरब अमीरात में कोलकाता नाइट राइडर्स के अभ्यास सत्र के दौरान जब कुलदीप यादव क्षेत्ररक्षण कर रहे थे तो वह नहीं जानते थे कि कुछ ही सेकेंड में घुटना मुड़ने से उन्हें इतने दिनों तक क्रिकेट से दूर रहना पड़ेगा।

दुबई में अभ्यास केंद्र पर मौजूद लोग उनकी हालत देखकर डर गये थे क्याोंकि वह दर्द से कराह रहे थे और उन्हें स्ट्रेचर पर बाहर ले जाया गया।एक हफ्ते के अंदर मुंबई में उनके घुटने की सर्जरी की गयी थी। इस कारण उनके प्रदर्शन पर सभी की निगाहें रहेंगी।

सलामी बल्लेबाज शिखर धवन अब पंजाब किंग्स के साथ है। ऐसे में पृथ्वी शॉ पर सभी की निगाहें रहेंगी कि अपने सीनियर पार्टनर की गैर मौजूदगी में वह कैसे वह सलामी बल्लेबाजी की जिम्मेदारी निभाते हैं। खासकर तब तक जब तक बड़े खिलाड़ियों की अनउपलब्धता के साथ टीम जूझ रही है।