टेस्ट विकेटकीपर रिद्धिमान साहा के कंधे की सर्जरी, एनसीए रिहैबिलिटेशन पर उठा सवाल
कोलकाता। अंगूठे में चोट के कारण एनसीए में रिहैबिलिटेशन कार्यक्रम से गुजर रहे भारतीय टेस्ट विकेटकीपर बल्लेबाज रिद्धिमान साहा फिजियो की कथित गलती के कारण करियर प्रभावित करने वाली कंधे की समस्या से जूझ रहे हैं। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने बताया कि साहा की यह चोट बेंगलुरु स्थित राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में रिहैबिलिटेशन कार्यक्रम में गड़बड़ी के कारण उभरी, जहां वह अंगूठे की चोट से उबरने के लिए आए थे।
पता चला है कि अगले महीने ब्रिटेन में साहा को सर्जरी करानी होगी और वह इस वर्ष के अंत में भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे की टीम से बाहर हो सकते हैं।
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘साहा का रिहैबिलिटेशन गलत तरीके से किया गया। एनसीए फिजियो ने बहुत बड़ी गलती की है। अब वह सर्जरी के जरिए ही मैदान पर वापसी कर सकते हैं। सर्जरी होने के कम से कम दो महीने तक वह बल्ले को नहीं छू सकेंगे और इसके बाद उनका रिहैबिलिटेशन शुरू होगा।’
साहा को इस साल आईपीएल के दौरान अंगूठे में चोट लगी थी, जिसके बाद वह खेल से दूर हैं, लेकिन अब यह पता चला है कि उनकी समस्या इससे कहीं ज्यादा बड़ी है।
इंग्लैंड के खिलाफ आगामी टेस्ट श्रृंखला के लिए उनका चयन नहीं किया गया लेकिन बोर्ड ने उनकी फिटनेस समस्या के बारे में पूरी जानकारी नहीं दी है। कंधे में चोट का मतलब यह हुआ की वह भारतीय टीम के साथ ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी नहीं जा पाएंगे।
साहा ने अपने ट्विटर पेज पर हाल में लिखा था ‘बुरे दौर से गुजर रहा हूं’। उन्होंने मजबूत वापसी की उम्मीद जतायी थी। बीसीसीआई अधिकारी ने माना कि 33 साल का पश्चिम बंगाल का यह विकेटकीपर काफी समय पहले ही अंगूठे की चोट से उबर गया था।
अधिकारी ने दावा किया, ‘साहा के कंघे में यह चोट दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर एक कैच लेते समय लगी। यह मामूली चोट थी जिससे उसे परेशानी नहीं थी। मांसपेशियों में खिंचाव के कारण उसे दक्षिण अफ्रीका का दौरा बीच में छोड़ना पड़ा था। उस समय कंधे में मामूली दर्द था।’
उन्होंने कहा, ‘विकेटकीपर को दूर से थ्रो नहीं फेंकना होता है इसलिए उस चोट से आईपीएल में साहा को परेशनी नहीं हुई। लेकिन दर्द खत्म नहीं हुआ।’ उन्होंने दावा किया, ‘साहा ने सोचा कि वह एनसीए में अच्छे से रिहैबिलिटेशन करने के बाद इंग्लैंड के खिलाफ खेल पाएंगे। एनसीए में एक सीनियर फिजियो की देख रेख में उन्होंने प्रशिक्षण लिया जिससे स्थिति और खराब हो गई।’
सवाल यह भी उठ रहा है कि इस फिजियो को साहा की वास्तविक स्थिति की रिपोर्ट दी गयी थी या नहीं। यह फिजियो पहले भारतीय टीम के साथ भी कम कर चुका है। आमतौर पर चयन समिति के समन्वयक को सभी जरूरी जानकरी दी जाती है।
उन्होंने सवाल उठाया कि, ‘क्या यह अजीब नहीं है कि हेयरलाईन फ्रैक्चर को ठीक होने में दो महीने का समय लग रहा है? किसी ने वास्तविक स्थिति की जांच नहीं की। अब उसे बड़ी सर्जरी की जरूरत है और हम उसकी वापसी के बारे में कोई तिथि तय नहीं कर सकते।’