विराट कोहली, रोहित शर्मा और रविचंद्रन अश्विन के संन्यास के बाद रविंद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) युवा भारतीय क्रिकेट टीम में अनुभवी खिलाड़ी की भूमिका शानदार तरीके से निभा रहे हैं। अश्विन (Ravichandran Ashwin) के साथ भारतीय सरजमीं पर अनगिनत टेस्ट मैचों के जीत के इस शिल्पकार की उपलब्धियों को अक्सर नजरअंदाज किया जाता रहा था। विराट कोहली (Virat Kohli) उस टीम के निस्संदेह सुपरस्टार थे जबकि रोहित (Rohit Sharma) और अश्विन भी बड़े खिलाड़ियों में शामिल थे।
अश्विन, कोहली और रोहित शर्मा के संन्यास के बाद जडेजा इस टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ी है। वह सीनियर होने के बावजूद अपने तौर-तरीकों को लेकर विनम्र बने हुए हैं और अपना काम कुशलता से करते हैं। इंग्लैंड की मौजूदा सीरीज में वह गेंद से चमक बिखेरने में नाकाम रहे हैं लेकिन बल्ले से अपने प्रदर्शन से उन्होंने आलोचकों को शांत कर दिया है।
शुभमन गिल (Shubman Gill) को जब टेस्ट कप्तान नियुक्त किया गया तो जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) के समर्थक अपनी राय व्यक्त कर रहे थे, लेकिन 83 मैचों के अनुभवी खिलाड़ी जडेजा इस बहस का हिस्सा कभी नहीं बने।
एजबेस्टन टेस्ट के दौरान जब जडेजा से टीम की कप्तानी की उनकी महत्वाकांक्षाओं के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने अपने अनूठे अंदाज़ में कहा, कप्तानी का समय अब चला गया।
उन्होंने बर्मिंघम में 89 और 69 रन की अर्धशतकीय पारियों से टीम की जीत अहम योगदान दिया तो वहीं अगले टेस्ट में दो और अर्धशतक जड़े। लॉर्ड्स में उनका 61 रन का नाबाद स्कोर भारत को जीत के करीब ले गया।
इस 36 साल के खिलाड़ी ने इंग्लैंड के गेंदबाजों का डटकर सामना किया और इस दौरान उनका रक्षात्मक खेल किसी अन्य खिलाड़ी से कम नहीं था।
वह अभी भी सर्वश्रेष्ठ फील्डर हैं और एजबेस्टन और लॉर्ड्स में वह गेंद को स्पिन करने में सफल रहे लेकिन विकेट नहीं चटका सके।
खेल के हर पहलुओं पर टीम में योगदान देने वाले जडेजा टीम के युवा खिलाड़ियों को सलाह भी दे रहे हैं।।
लॉर्ड्स में मिली हार के बाद कप्तान गिल ने जडेजा के उन्हें टीम के लिए समर्पित खिलाड़ी करार दिया।
गिल ने कहा, वह भारत के सबसे मूल्यवान खिलाड़ियों में से एक हैं। गेंदबाजी, बल्लेबाजी और फील्डिंग में उनके पास जो अनुभव और कौशल हैं, वह बहुत दुर्लभ है। उन्होंने जिस तरह की एकाग्रता दिखाई वह अद्भुत था।
जडेजा ने खेल के प्रति हमेशा सर्वोच्च प्रतिबद्धता दिखाई है। वह जब राष्ट्रीय टीम के साथ नहीं होते है तो घरेलू क्रिकेट में सौराष्ट्र के लिए खेलना सुनिश्चित करते हैं।
सौराष्ट्र के एक अनुभवी अधिकारी ने कहा, जड्डू अगर उपलब्ध रहे तो वह जिला स्तर के मैचों में भी खेलने के लिए आते है। भारत के बेहतरीन टेस्ट क्रिकेटरों में से एक होने के बावजूद वह हमेशा की तरह विनम्र रहते हैं। (भाषा)