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Last Updated : शनिवार, 18 सितम्बर 2021 (17:01 IST)

रवि शास्त्री ने किया इशारा, कोच के रूप में कार्यकाल नहीं बढ़ेगा आगे, दिया यह बयान

रवि शास्त्री ने किया इशारा, कोच के रूप में कार्यकाल नहीं बढ़ेगा आगे, दिया यह बयान - Ravi Shashtri hints at hanging boots as head coach
लंदन:रवि शास्त्री का भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच के रूप में कार्यकाल अगले महीने टी20 विश्व कप के साथ समाप्त हो जाएगा और उन्होंने स्वीकार किया कि इससे उन्हें थोड़ा दुख होगा लेकिन साथ ही कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में जो चाहा वह हासिल किया और वह सही समय पर इस जिम्मेदारी से मुक्त हो रहे हैं।

शास्त्री का मुख्य कोच के रूप में कार्यकाल 2017 में शुरू हुआ था। इसके बाद उन्हें 2019 में फिर से इस पद पर नियुक्त कर दिया गया था। टी20 विश्व कप 17 अक्टूबर से यूएई में खेला जाएगा।

कोविड-19 के लिये पॉजिटिव पाये जाने के कारण 59 वर्षीय शास्त्री अभी पृथकवास पर हैं। उन्होंने ‘द गार्डियन’ से कहा कि टी20 विश्व कप विशेष होगा लेकिन टीम ने उनके रहते हुए पहले ही विशिष्ट उपलब्धियां हासिल की हैं।

शास्त्री ने कहा, ‘‘मेरा ऐसा मानना है क्योंकि मैंने जो चाहा वह हासिल किया। पांच साल तक नंबर (टेस्ट क्रिकेट में) रहे, आस्ट्रेलिया में दो बार जीते, इंग्लैंड में जीते।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने माइकल आथरटन से बात की थी और कहा था, मेरे लिये यह चरम है – आस्ट्रेलिया को आस्ट्रेलिया में हराना और इंग्लैंड में कोविड काल में जीत दर्ज करना। हमने इंग्लैंड पर 2-1 से बढ़त बनायी है तथा जिस तरह से हम लार्ड्स और ओवल में खेले वह खास था।’’

भारतीय खेमे में कोविड-19 के मामले पाये जाने के बाद जब मैनचेस्टर में होने वाला पांचवां और अंतिम टेस्ट मैच रद्द किया गया तब भारत श्रृंखला में 2-1 से आगे चल रहा था।

शास्त्री के कार्यकाल में भारत ने दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में टी20 श्रृंखलाओं में भी जीत दर्ज की।

शास्त्री ने कहा, ‘‘हमने सीमित ओवरों की क्रिकेट में भी प्रत्येक देश को उसकी धरती पर हराया। यदि हम टी20 विश्व कप जीत लेते हैं तो यह सोने पे सुहागा होगा। इससे ज्यादा कुछ नहीं चाहिए। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक बात पर विश्वास करता हूं कभी जरूरत से ज्यादा समय तक नहीं टिके रहो। मैं यह बात इस संदर्भ में कह रहा हूं कि टीम का साथ छोड़ने के समय मैं क्या चाहता हूं, असल में मैंने जरूरत से ज्यादा हासिल किया है। आस्ट्रेलिया को उसकी धरती पर हराना और कोविड काल में इंग्लैंड पर श्रृंखला में बढ़त हासिल करना। क्रिकेट में मेरे चार दशक में यह सबसे संतोषजनक पल रहा।’’

शास्त्री आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) ट्राफी के साथ अपने कार्यकाल का समापन करना चाहते हैं। शास्त्री और विराट कोहली की जोड़ी के रहते हुए भारत कभी आईसीसी ट्राफी नहीं जीत पाया।

उन्होंने कहा, ‘‘हम इसके लिये अपनी जीजान लगा देंगे। निश्चित तौर पर हमारे पास ऐसी टीम है जो अपनी क्षमता से खेलती है तो वह जीत सकती है। सबसे अहम बात यह है कि हम इसका आनंद लेंगे। टेस्ट मैच का दबाव भूल जाओ। टी20 क्रिकेट का मतलब है उसका आनंद लो। मैं सिर ऊंचा रखकर विदा होना चाहता हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हां इसका दुख होगा कि टीम के साथ मेरा कार्यकाल समाप्त हो रहा है क्योंकि मैंने कई शानदार खिलाड़ियों और व्यक्तियों के साथ काम किया। हमने ड्रेसिंग रूम में अच्छा समय बिताया। लेकिन इससे बढ़कर हमारी क्रिकेट और हमने जो परिणाम हासिल किये उसने यह यात्रा शानदार बनायी।’’

ऐसा रहा क्रिकट करियर

टेस्ट मैचों में रवि शास्त्री अपने बेहद धीमे खेल के लिए प्रसिद्ध थे हालांकि यह हैरानी की बात है कि प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनके ही नाम पर 6 छक्कों का रिकॉर्ड है। साल 1981 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले रवि शास्त्री ने टेस्ट मैचों में 35 की औसत से 3830 रन बनाए इसमें 11 शतक और 12 अर्धशतक शामिल थे।

वहीं वनडे मैचों में उन्हें 3108 रन बनाए जिसमें 4 शतक और 18 अर्धशतक शामिल थे। उन्होंने अपने करियर का अंत साल 1992 में किया। यही नहीं उन्होंने गेंदबाजी में भी अपने हाथ दिखाए थे। टेस्ट मैचों में उन्होंने 151 विकेट लिए हैं और वनडे मैचों में 129। साल 1992 में उन्होंने क्रिकेट से संन्यास ले लिया।
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