शुक्रवार, 22 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. खेल-संसार
  2. क्रिकेट
  3. समाचार
  4. Saurav Ganguly to persuade Rahul Dravid to accept the coach role
Written By
Last Updated : मंगलवार, 14 सितम्बर 2021 (16:10 IST)

क्या कोच पद के लिए राहुल द्रविड़ को मना पाएंगे उनके दोस्त सौरव गांगुली?

क्या कोच पद के लिए राहुल द्रविड़ को मना पाएंगे उनके दोस्त सौरव गांगुली? - Saurav Ganguly to persuade Rahul Dravid to accept the coach role
सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ ने एक साथ ही करियर शुरु किया था। लॉर्ड्स में खेले गए इस मैच में सौरव गांगुली ने शतक जमा लिया था और इसके बाद उन्होंने सुर्खियां बटोर ली थी लेकिन राहुल द्रविड़ 95 रनों पर आउट हो गए थे।

इसके बाद विश्वकप 1999 में भी कुछ ऐसा ही हुआ जब सौरव के गगनचुंबी छक्कों के आगे श्रीलंका के खिलाफ राहुल द्रविड़ का पारी फीकी पड़ गई थी। लेकिन फिर भी इन दोनों की दोस्ती में कभी खट्टास नहीं आयी।

मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक सौरव गांगुली अपने दोस्त को टीम इंडिया का अस्थायी कोच बनाना चाहते हैं। सौरव गांगुली ने इस बारे में टेलीग्राफ को कहा कि मुझे पता है वह इस काम के लिए इच्छुक नहीं है। उन्हें कोच बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है। लेकिन अभी मैंने उनसे बात भी नहीं की है। जब हम इस मुद्दे पर आएंगे तो देखेंगे।  
राहुल द्रविड़ कर चुके हैं मना

भारतीय क्रिकेट फैंस जो राहुल द्रविड़ को टीम इंडिया का कोच बनते हुए देखना चाहते थे उनकी उम्मीदों को हाल ही में एक तगड़ा झटका लगा था।दरअसल पूर्व भारतीय कप्तान राहुल द्रविड़ ने राष्ट्रीय क्रिकेट एकेडमी के क्रिकेट प्रमुख के पद के लिए दोबारा आवेदन किया था। ऐसी अटकलें थी कि नवंबर में टी20 विश्व कप के बाद राहुल द्रविड़ टीम इंडिया के हेड कोच बन सकते हैं क्योंकि रवि शास्त्री ने अपना करार आगे नहीं बढ़ाने की इच्छा जताई है। अब देखना होगा कि क्या दादा की बात राहुल द्रविड़ टालते हैं या मानते हैं।

कभी दादा ने ही जबरदस्ती बनाया था विकेटकीपर

जब सौरव गांगुली कप्तान थे तो राहुल द्रविड़ को उन्होंने उनकी इच्छा के विरुद्ध विकेटकीपिंग कराई थी। शुरुआत में द्रविड़ ने खूब गलतियां की, कभी कभी तो सामने की गेंद ही नहीं पकड़ पाते थे लेकिन धीरे धीरे उनमें सुधार आता रहा। इसका टीम इंडिया को फायदा भी हुआ।

दरअसल सौरव गांगुली चाहते थे कि एक विकेटकीपर टीम में रखने से बेहतर है कि एक बल्लेबाज ही विकेटकीपिंग करे जिससे टीम को एक अतिरिक्त बल्लेबाज, गेंदबाज या ऑलराउंडर खिलाने की जगह मिली। सौरव की इस जिद के कारण 2003 वनडे विश्वकप में भारत फाइनल तक पहुंचा। (वेबदुनिया डेस्क)
ये भी पढ़ें
टेस्ट में बायो बबल तोड़ा अब IPL में कड़े नियम की चिंता कर रहे हैं विराट कोहली