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Last Updated : बुधवार, 5 जुलाई 2023 (13:24 IST)

Asia Cup की मेजबानी पर 24 घंटे के अंदर U-Turn लिया भावी PCB चीफ ने, होकर रहेगा टूर्नामेंट

Asia Cup की मेजबानी पर 24 घंटे के अंदर U-Turn लिया भावी PCB चीफ ने, होकर रहेगा टूर्नामेंट - PCB chief takes a u turn on Hybrid model for hosting Asia Cup
Pakistan Cricket Board पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के भावी अध्यक्ष जका अशरफ ने Asian Cricket Council एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) ACC की औपचारिक स्वीकृति के बावजूद एशिया कप के Hybrid Model ‘हाइब्रिड मॉडल’ को ‘खारिज’ करने के 24 घंटे से भीतर ‘यूटर्न’ लेते हुए चार मैचों की मेजबानी स्वीकार कर ली है।

हाइब्रिड मॉडल के तहत एशिया कप की सह मेजबानी पाकिस्तान और श्रीलंका करेंगे। भारत अपने सभी मैच श्रीलंका में खेलेगा जिसमें चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के खिलाफ दो मैच भी शामिल हैं।यह मॉडल अशरफ के पूर्ववर्ती नजम सेठी ने पेश किया था। 27 जून को पीसीबी की कमान संभालने जा रहे अशरफ ने हालांकि प्रेस कांफ्रेंस में इसे खारिज कर दिया था।

पता चला है कि अशरफ को नहीं पता था कि पीसीबी के मौजूदा प्रमुख सेठी पहले ही ‘हाइब्रिड मॉडल’ पर हस्ताक्षर कर चुके हैं और इसे भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह की अध्यक्षता वाले एसीसी के कार्यकारी बोर्ड से स्वीकृति मिल चुकी है और इस फैसले को बदला नहीं जा सकता।

पाकिस्तान क्रिकेट को सजा मिल सकती थी

अशरफ अगर बिना पूर्ण जानकारी से अड़ंगा डालने का प्रयास करते तो पीसीबी को सजा का सामना करना पड़ सकता था।‘ईएसपीएनक्रिकइंफो’ ने अशरफ के हवाले से कहा, ‘‘मेरी व्यक्तिगत राय में, यह पूरा हाइब्रिड मॉडल पाकिस्तान के लिए फायदेमंद नहीं है और मुझे यह पसंद नहीं आया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘एक मेज़बान होने के नाते पाकिस्तान को यह सुनिश्चित करने के लिए बेहतर बातचीत करनी चाहिए थी कि पूरा टूर्नामेंट पाकिस्तान में खेला जाना चाहिए। श्रीलंका ने बड़े मैच ले लिए, पाकिस्तान के लिए केवल चार मैचों को छोड़ दिया, यह हमारे देश के सर्वोत्तम हित में नहीं है।’’

इसके बाद अशरफ ने स्वीकार किया कि उन्हें पूरी जानकारी नहीं थी और उन्होंने पूरी तरह से यूटर्न ले लिया।उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन मैं देख रहा हूं कि निर्णय लिया जा चुका है इसलिए हमें इसके साथ जाना होगा। मैं इसे नहीं रोकूंगा या फैसले का पालन नहीं करने का कोई इरादा नहीं है। मैं इसके बारे में प्रतिबद्धता का सम्मान करने के अलावा बहुत कुछ नहीं कर सकता। लेकिन भविष्य में हम जो निर्णय लेंगे वह देश के लिए और देश के हित में होगा।’’(भाषा)