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Last Updated : मंगलवार, 31 अगस्त 2021 (14:41 IST)

4 वनडे विश्वकप खेले पर नहीं मिली कप्तानी, मैसूर एक्सप्रेस जवागल श्रीनाथ के यह थे यादगार स्पैल्स (वीडियो)

4 वनडे विश्वकप खेले पर नहीं मिली कप्तानी, मैसूर एक्सप्रेस जवागल श्रीनाथ के यह थे यादगार स्पैल्स (वीडियो) - Mysore express Javagal Srinath turns 52 today
जवागल श्रीनाथ जब 90 के दशक में टीम इंडिया से जुड़े तो भारतीय टीम में तेज तर्रार गेंदबाज की कमी थी।उनकी तेज गेंदो के कारण उनको मैसूर एक्सप्रेस कहा जाने लगा। उनका गेंदबाजी एक्शन एक दम किताबी था। कर्नाटक के गेंदबाज श्रीनाथ ने 4 विश्वकप खेले लेकिन कभी भी उनको कप्तानी का मौका नहीं मिला।

इसका कारण था उस समय विश्वक्रिकेट की सोच। सिर्फ पाकिस्तान के ऑलराउंडर इमरानखान ही उस वक्त ऐसे कप्तान थे जो गेंदबाजी कर सकते थे। सभी टीमें एक बल्लेबाज को ही कप्तान बनाने में विश्वास रखते थे। यही कारण था कि साल 1992 के विश्वकप से साल 2003 के विश्वकप तक के लंबे करियर के दौरान जवागल श्रीनाथ को कप्तानी का एक बार भी प्रस्ताव तक नही आया।साल 2006 में आईसीसी ने उन्हे मैच रेफरी नियुक्त कर लिया।

ऐसा रहा करियर

जवागल श्रीनाथ 90 के दशक में भारतीय तेज गेंदबाजी आक्रमण के अगुवा रहे। श्रीनाथ ने 1991 से 2003 के बीच 67 टेस्ट और 229 एकदिवसीय खेले है, जिसमें उन्होंने क्रमशः 236 और 315 विकेट लिए हैं। उनके सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन के वीडियो क्लिप्स उनके 52वे जन्मदिन पर ट्विटर पर काफी वायरल हुए।

क्रिकेट डॉट कॉम डॉट एयू ने ट्विटर पर श्रीनाथ का एक विडियो शेयर किया। विडियो में वाका के मैदान पर वेस्ट इंडीज के खिलाफ 1991 में खेले गए वनडे की एक क्लिप है। श्रीनाथ इसमें बल्लेबाज को छकाते हुए बोल्ड करते हैं जिसके बाद टीम सदस्य संजय मांजरेकर, मोहम्मद अजहरुद्दीन और श्रीकांत उन्हें बधाई देते हैं।
इसके अलावा उनके चाहने वालों ने उनके कई पुराने यादगार स्पैल्स ट्विटर पर साझा किए। अहमदाबाद में 96-97 में खेले गए टेस्ट के दौरान उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 13 विकेट लिए थे। इस शानदार स्पैल का वीडियो भी ट्विटर पर वायरल हुआ।
इसके अलावा साल 2003 में जब उनका करियर समाप्ति की ओर था तब तत्कालीन कप्तान सौरव गांगुली ने उनको टीम में रखा। श्रीनाथ ने अपने आखिरी विश्वकप में जी जान लगाकर गेंदबाजी की । श्रीलंका से हुए मैच में श्रीनाथ की लाइन और लेंग्थ बल्लेबाज पढ़ नहीं पा रहे थे। उनका यह स्पैल भी यह बताता है कि उम्र के ढलान पर भी गेंदबाज चाहे तो ढेरों विकेट निकाल सकता है।
नहीं मिला वह सम्मान जिसके वह हकदार थे

हाल ही में पोलॉक ने वेस्टइंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग और इंग्लैंड के स्टुअर्ट ब्रॉड के साथ एक कार्यक्रम पर कहा था, ‘मुझे लगता है कि भारत के जवागल श्रीनाथ को वह श्रेय नहीं मिला जिसके वह हकदार थे।’

पोलॉक की बात से कई लोग इत्तेफाक रखते हैं। हालांकि इसका एक कारण प्रतियोगिता भी हो सकता है। श्रीनाथ के दौर में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में तेज गेंदबाजों की शानदार जोड़िया थी। 
पाकिस्तान के वसीम अकरम और वकार यूनुस, वेस्टइंडीज के लिए कर्टली एम्ब्रोस और कर्टनी वाल्श, ऑस्ट्रेलिया के ग्लेन मैक्ग्रा और ब्रेट ली शामिल थे। न्यूजीलैंड की ओर से डियोन नैश और क्रिस क्रेन्स की जोड़ी थी। दक्षिण अफ्रीका टीम में खुद शॉन पॉलोक और एलेन डॉनाल्ड बहुत घातक थे।

इस कारण जवगल श्रीनाथ भारतीय फैंस के बीच तुलना के शिकार हो गए। उनकी वेंकटेश प्रसाद के साथ जोड़ी थी, इस जोड़ी ने भारत को बीच बीच में सफलता तो दिलाई लेकिन विदेशी गेंदबाजों जितनी प्रभावी यह जोड़ी नहीं थी। (वेबदुनिया डेस्क)
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