महत्वपूर्ण मैचों में दबाव से निपटने के लिए ‘मानसिक मजबूती’ की कमी भारत में : गंभीर
नई दिल्ली। पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर को लगता है कि भारतीय खिलाड़ियों में मुश्किल हालात में दबाव से निपटने के लिए ‘मानसिक मजबूती’ की कमी है और वे तब तक खुद को विश्व चैंपियन नहीं कह सकते जब तक विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में खुद को साबित नहीं करते।
भारत ने 1983 और 2011 में दो बार वनडे विश्व कप खिताब अपने नाम किया है लेकिन चार बार वह टूर्नामेंट के सेमीफाइनल चरण से बाहर हो चुका है जिसमें पिछले दो चरण 2015 और 2019 शामिल हैं। टी20 विश्व कप में भारत ने 2007 में शुरुआती चरण में ट्रॉफी जीती थी और टीम 2014 में फाइनल में पहुंची थी।
गंभीर ने स्टार स्पोर्ट्स के ‘क्रिकेट कनेक्टिड’ शो में कहा, ‘टीम में एक अच्छे खिलाड़ी और एक बहुत अच्छे खिलाड़ी के बीच में से क्या चीज आपको अलग करती है, वह है कि आप महत्वपूर्ण मैचों में कैसा करते हो। मुझे लगता है कि शायद हम दबाव से अच्छी तरह से नहीं निपट पाते जबकि अन्य टीमें दबाव से अच्छी तरह निपट लेती हैं।’
उन्होंने कहा, ‘अगर आप सभी सेमीफाइनल और फाइनल को देखो तो इसमें दिखता है कि जब आप लीग चरण में काफी अच्छा खेलते हो तो सेमीफाइनल या नाकआउट में इतना अच्छा नहीं खेलते, यह शायद आपकी मानसिक मजबूती ही है।’
गंभीर उस टीम का हिस्सा थे जिसने 28 साल बाद 2011 में विश्व कप खिताब जीता था। उन्होंने कहा कि भारत तब तक खुद को विश्व चैंपियन नहीं कह सकता जब तक वे खुद इसे साबित नहीं करते।
उन्होंने कहा, ‘हम बात कर सकते हैं कि हमें सबकुछ मिल गया, हममें विश्व चैंपियन बनने की काबिलियत है लेकिन जब तक आप क्रिकेट के मैदान पर जाकर साबित नहीं करते, आपको विश्व चैंपियन नहीं कहा जाएगा।’ (भाषा)