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Last Modified: मंगलवार, 30 जनवरी 2018 (22:25 IST)

आईसीसी ने वांडरर्स की पिच को खराब करार दिया

आईसीसी ने वांडरर्स की पिच को खराब करार दिया - ICC, Wanderers, Bad Pitch, India South Africa
दुबई। आईसीसी ने भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच के लिए उपयोग में लाई गई वांडरर्स की पिच को आज आशानुरूप खराब करार दिया और इस प्रक्रिया में उसे तीन अयोग्यता (डिमेरिट) अंक मिले। भारत ने इस मैच में शानदार वापसी करके 63 रन से जीत दर्ज की।


मैच में लगभग 296 ओवर किए गए जिनमें 805 रन बने और 40 विकेट गिरे। लेकिन यह विकेट चर्चा का विषय रहा क्योंकि दोनों टीमों के कई बल्लेबाजों को अप्रत्याशित उछाल और बहुत अधिक सीम मूवमेंट के कारण चोटें भी लगी। मैच के तीसरे दिन जब जसप्रीत बुमराह का बाउंसर डीन एल्गर के हेलमेट पर लगा तो मैदानी अंपायरों ने खेल रोक दिया था क्योंकि उन्हें लगा कि खेल जारी रखना खतरनाक होगा।

आईसीसी ने अपनी विज्ञप्ति में कहा है, आईसीसी मैच रेफरियों के एलीट पैनल के सदस्य एंडी पायक्राफ्ट ने वांडरर्स स्टेडियम की पिच को खराब करार दिया है और इस तरह से आईसीसी पिच एवं आउटफील्ड मानिटरिंग प्रक्रिया के तहत इसे तीन अयोग्यता अंक (डिमेरिट प्वाइंट) दिए गए हैं।

नियमों के अनुसार मैच रेफरी जिस मैच स्थल की पिच को औसत से कमतर करार देता है उसे एक डिमेरिट प्वाइंट दिया जाता है जबकि जिन पिचों को ‘खराब’ और ‘खेलन योग्य नहीं यानी अनफिट’ करार दिया जाता है उन्हें क्रमश: तीन और पांच डिमेरिट प्वाइंट मिलते हैं। वांडरर्स में मैच पूरा हुआ था और इसलिए आईसीसी मैच रेफरी ने इसे अनफिट करार नहीं दिया जिससे उसे पांच डिमेरिट प्वाइंट मिलते।

आईसीसी के अनुसार डिमेरिट प्वाइंट्स पांच साल तक प्रक्रिया में बने रहेंगे और अगर इस दौरान वांडरर्स स्टेडियम पांच डिमेरिट प्वाइंट्स तक पहुंचता है तो उस पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के आयोजन के लिए 12 महीने के लिए निलंबित किया जाएगा। पायक्राफ्ट की रिपोर्ट क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका को भी भेजी गई है।

इसमें उन्होंने कहा, अंतिम टेस्ट मैच के लिए जो पिच तैयार की गई वह खराब थी। इसमें अनिश्चित उछाल और बहुत अधिक सीम मूवमेंट था। उन्होंने कहा, मैच आगे बढ़ने के साथ यह और खराब होती गई, जिससे बल्लेबाजी करना बहुत मुश्किल हो गया जिसके कारण दोनों टीमों के चिकित्सा दलों को अपने बल्लेबाजों के उपचार के लिए कई बार मैदान पर जाना पड़ा।

पायक्राफ्ट ने कहा, मैदानी अंपायर भी खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार हैं तथा उन्होंने तीसरे दिन के खेल के बाद पिच के व्यवहार पर चिंता जताई थी और इस पर चर्चा की थी कि क्या मैच जारी रखना उचित होगा। उन्होंने कहा, आखिर में अंपायरों ने मैच जारी रखने का फैसला किया और चौथे दिन इसका परिणाम निकल आया। लेकिन जब टेस्ट मैच समाप्त हुआ तब भी इसमें बहुत अधिक असमान उछाल और सीम मूवमेंट था। (भाषा)
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