नई दिल्ली: रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट इस साल कोरोना संबंधित प्रावधानों के साथ खेला जाएगा। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने टूर्नामेंट के मौजूदा सीजन के लिए कई नियम बनाए हैं, जिनमें एक मैच के दौरान कोरोना वायरस के प्रकोप की स्थिति में विशेष अंक प्रणाली और कम से कम नौ खिलाड़ियों की उपलब्धता के साथ मैच को जारी रखने सहित कई नियम शामिल हैं।
बीसीसीआई ने मौजूदा कोरोना महामारी की स्थिति को देखते हुए मंगलवार को कहा, “मैच की शुरुआत के बाद कोरोना के प्रकोप के कारण अगर एक टीम के पास मैदान में उतरने के लिए कम से कम नौ खिलाड़ी उपलब्ध हैं तो मैच जारी रहेगा। वहीं अगर टीम की तरफ से नौ खिलाड़ी भी उपलब्ध नहीं है और मैच के समापन तक यह स्थिति बनी रहती है तो मैच का परिणाम दो तरीकों से निर्धारित किया जाएगा। पहले में लीग चरण में अंक तालिका में स्थिति के आधार पर टीमों को अंक प्रदान किए जाएंगे। वहीं अगर नॉक आउट मैच है तो कौन सी टीम अगले दौर के लिए क्वालीफाई करेगी, यह ज्यादर रन या सिक्का उछाल कर निर्धारित किया जाएगा।”
इसके अलावा बीसीसीआई द्वारा सोमवार को सभी राज्य क्रिकेट संघों को बताई गई खेल शर्तों के अनुसार कोरोना महामारी की स्थिति के कारण पहली पारी का परिणाम न आने पर टीमों को एक-एक अंक दिया जाएगा, हालांकि पुरानी प्रणाली को भी बरकरार रखा गया है, जिसके मुताबिक दोनों पारियों में टाई होने पर टीमों को तीन-तीन अंक दिए जाएंगे।
यह है अंक प्रणालीअंक नियमों की बात करें तो सीधी जीत पर छह अंक, एक पारी या 10 विकेटों से जीत पर एक बोनस अंक, पहली पारी में बढ़त मिलने, लेकिन सीधी जीत न होने पर तीन अंक, पहली पारी में बढ़त के आधार पर मिली हार पर एक अंक, सीधी जीत के बिना पहली बार में टाई होने पर दोनों टीमों को एक-एक अंक, सीधी हार पर शून्य अंक अंक दिया जाएगा। वहीं अगर मौसम खराब होने, कोरोना के प्रकोप या अन्य किसी अप्रत्याशित कारण से पहली पारी का नतीजा नहीं आता है तो दोनों टीमों को एक-एक अंक दिया जाएगा।
लार का नियम हुआ लागूबीसीसीआई ने इसके अलावा रणजी ट्रॉफी टूर्नामेंट के लिए नया सलाइवा (लार) नियम लागू किया है। अगर अंपायर मानते हैं कि गेंद पर सलाइवा लगाया गया है तो इसके लिए कई चीजें निर्धारित की गई हैं। अगर यह पारी के दौरान पहली बार है तो अंपायर द्वारा फील्डिंग टीम के कप्तान को बुलाया जाएगा और पहली चेतावनी दी जाएगी। वहीं अगर यह दूसरी बार होता है तो फील्डिंग टीम के कप्तान को बुलाकर दूसरी और अंतिम चेतावनी दी जाएगी कि अगर पारी के दौरान टीम के किसी भी सदस्य द्वारा फिर से ऐसा किया जाता है तो बल्लेबाजी टीम को पांच पेनल्टी रन दिए जाएंगे।
बीसीसीआई की आचार संहिता (गेंद की स्थिति में बदलाव) के तहत हालांकि सलाइवा के इस्तेमाल को अपराध नहीं माना जाएगा। ऐसी स्थिति में गेंद को बदला नहीं जाएगा, लेकिन अंपायर गेंद को उपयुक्त कपड़े से साफ करेंगे।
रिप्लेसमेंट खिलाड़ी की अनुमतिबीसीसीई ने कोरोना महामारी के मद्देनजर कुछ कोरोना रिप्लेसमेंट नियम भी जारी किए हैं। इसके तहत अगर मैच के दौरान कोई खिलाड़ी कोरोना से संक्रमित पाया जाता है, उसमें कोरोना के लक्षण दिखते हैं या किसी खिलाड़ी कोरोना संबंधी गाइडलाइंस के मुताबिक मैच में भाग लेने से रोका जाता है, तो उसकी जगह पर रिप्लेसमेंट खिलाड़ी को खेलाने की अनुमति दी जाएगी। बशर्ते इन सभी स्थितियों में टीम के चिकित्सा प्रतिनिधि द्वारा औपचारिक रूप से पुष्टि की जानी चाहिए और एक स्वतंत्र चिकित्सक विशेषज्ञ द्वारा मंजूरी होनी चाहिए।
टीम के स्वास्थ्य प्रतिनिधि या टीम प्रबंधक को मानक फॉर्म पर बीसीसीआई मैच रेफरी को कोरोना रिप्लेसमेंट रिक्वेस्ट भेजनी होगी। इसके बाद बीसीसीआई मैच रेफरी इसे सामान्य मंजूरी देगा, अगर रिप्लेसमेंट के तौर पर चुना गया खिलाड़ी मूल खिलाड़ी के जैसा है और जिसका टीम में आना शेष मैच के लिए उसकी टीम को अत्यधिक लाभ नहीं देगा।
किसी भी कोरोना रिप्लेसमेंट आग्रह के संबंध में बीसीसीआई मैच रेफरी का निर्णय अंतिम होगा और किसी भी टीम को अपील का कोई अधिकार नहीं होगा। एक बार बीसीसीआई मैच रेफरी द्वारा कोरोना रिप्लेसमेंट को मंजूरी दिए जाने के बाद मूल खिलाड़ी मैच में आगे हिस्सा नहीं ले पाएगा। रिप्लेस खिलाड़ी और मूल खिलाड़ी दोनों को रिकॉर्ड और सांख्यिकीय उद्देश्यों के लिए मैच में खेला गया माना जाएगा।
(वार्ता)