उंगली पर लार लगाने जैसी आदत से छुटकारा पाना तेज गेंदबाजों के लिए होगी चुनौती : जेसन गिलेस्पी
चेन्नई। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज जेसन गिलेस्पी ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण लार के इस्तेमाल पर लगी पाबंदी के बाद तेज गेंदबाजों के लिए सबसे बड़ी चुनौती गेंदबाजी के लिए जाते समय अनजाने में ऊंगली चाटने की आदत से छुटकारा पाना होगा। आईसीसी ने मंगलवार को कहा था कि कोविड-19 महामारी के कारण उसने गेंद को चमकाने के लिए लार के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।
गिलेस्पी ने ‘इनसाइड आउट विद बैग्स’ कार्यक्रम में कहा, ‘मुझे लगता है कि सबसे बड़ा मुद्दा क्रिकेटरों खासकर तेज गेंदबाजों की आदतों से होने वाला है। गेंदबाज जब अपने गेंदबाजी के लिए वापस जाता है तो अनजाने में अंगुलियों को चाट कर लार को गेंद पर लगा सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि एक गेंदबाज के तौर पर उसने बचपन से ऐसा किया है। यह सिर्फ एक आदत है।’
ऑस्ट्रेलिया के लिए 71 टेस्ट में 251 विकेट लेने वाले इस पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा, ‘मुझे लगता है कि खिलाड़ियों के लिए यह सबसे बड़ी चुनौती होगी, उन आदतों को बदलना जो वह हमेशा करते रहे है। दुनिया में कई गेंदबाज ऐसे है जो गेंदबाजी करने से पहले ऊंगली को चाटकर उसे गेंद पर रखते है।’ गिलेस्पी ने कहा कि इस आदत से उबरने तक किसी खास क्षेत्ररक्षक को गेंद की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
उन्होंने कहा, ‘किसी खास क्षेत्ररक्षक, शायद मिड-ऑन या मिड-ऑफ या स्लिप के क्षेत्ररक्षक में से किसी को गेंद की जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसका दूसरा तरीका यह हो सकता है कि आप गेंदबाज को पूरी जिम्मेदारी दे।’ 35 साल के इस पूर्व क्रिकेटर ने कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं कि इसका कुछ उल्लंघन होगा। आदतों की यहां बड़ी भूमिका होगी।
उन्होंने कहा कि इससे हालांकि गेंदबाजों कुछ नया करने का मौका मिलेगा। गिलेस्पी ने कहा, ‘यह गेंदबाजों के लिए नया प्रयोग करने और यह देखने का मौका होगा कि वे क्या कर सकते है। अच्छे गेंदबाज कोई ना कोई रास्ता तलाश लेंगे।’ (भाषा)