हार के जीतने वाले को अक्षर कहते हैं, किफायती गेंदबाजी के बाद 31 गेंदो में जड़े 65 रन
पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन में खेले गए दूसरे टी-20 में श्रीलंका ने भारत को 16 रनों से हरा दिया। लेकिन यह हार का अंतर बहुत बड़ा होता अगर ऑलराउंडर अक्षर पटेल 31 गेंदो में 65 रनो की आतिशी पारी ना खेलते। हालांकि अक्षर पटेल को 2 बहुत बड़े जीवनदान मिले थे लेकिन उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि वह इन जीवनदानों का भरपूर लाभ उठाए। अगर कल भारत जीत जाता तो मैन ऑफ द मैच दासुन शानका नहीं बल्कि अक्षर पटेल को दिया जाता क्योंकि गेंदबाजी में भी उन्होंने 24 रन देकर 2 विकेट लिए थे।
भारत बनाम श्रीलंका के दूसरे टी20 मैच में भारत के कप्तान,हार्दिक पांड्या ने पुणे के ऍम. सी. ए. ग्राउंड पर टॉस
जीत कर गेंदबाज़ी करने का फैंसला किया था। श्रीलंका के बल्लेबाज़ों ने भारत के सामने 207 रनों का एक बड़ा
लक्ष्य रखा जिसमे सबसे बड़ा योगदान था। श्रीलंका के कप्तान, दसुन शनाका का. शनाका ने सिर्फ 22 गेंदों में 56
रन्स बनाकर इस बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने में अपनी टीम की मदद की। श्रीलंकाई टीम के दूसरे खिलाड़ी, कुसल
मेंडिस 52(31) और असलंका 37(19) ने भी मेजबान टीम,भारत को हराने में अपनी सारी ताकत लगा दी थी।
207 जैसे बड़े लक्ष्य का पीछा करने के लिए जब दूसरी पारी की शुरुआत हुई, भारतीय टीम ने पॉवरप्ले में ही अपने 4 विकेट गवा दिए थे। भारत के लगातार विकेट्स गिरने के बाद जब भारतीय टीम अपने जितने की सारी उम्मीदें खो बैठी थी तब, अक्षर पटेल ने सिर्फ 20 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा कर भारतीय दर्शको के मन में उम्मीद की एक नई किरण जगाई।
अक्षर पटेल का यह आत्मविश्वास देख दूसरी छोर से सूर्यकुमार यादव ने भी अपने हाथ खोलने शुरू किए. अक्षर पटेल और सूर्यकुमार यादव की 40 गेंदों पर 91रनों की साझेदारी ने भारतीय टीम को एक सम्भले हुए स्कोर पर लाकर खड़ा कर दिया था लेकिन श्रीलंकाई कप्तान दसुन शनाका के पास अब भी एक पासा बाकी था वो पासा था वे खुद. जब आखरी ओवर में भारतीय टीम को जितने के लिए 21 रनों की आवश्यकता थी,तब दसुन शनाका ने वनिंदू हसारंगा को बॉल न पकड़ा कर खुद गेंदबाजी करने का निर्णय लिया।
यह निर्णय एक जोखिम भरा निर्णय तो था लेकिन दसुन शनाका के खुद पर आत्मविश्वास ने उस निर्णय को श्रीलंका के पक्ष में मोड़ दिया। दसुन शनाका ने आखरी ओवर की तीसरी बॉल पर अक्षर पटेल और छठी बॉल पर शिवम् मावि का विकेट लेकर भारत की सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। अक्षर पटेल 65(31) की इस ताबड़तोड़ बल्लेबाजी ने इस एक तरफ़ा मैच को बराबरी पर लाकर खड़ा कर दिया था। बल्लेबाजी के साथ साथ अक्षर ने भारत की गेंदबाजी में भी 4 ओवर में 24 रनों और 2 विकेटों लेकर एक बड़ी भूमिका निभाई।
सिर्फ दूसरे टी-20 में ही नहीं पहले टी-20 में भी उन्होंने अहम मौके पर बेहतरीन प्रदर्शन किया था। वानखेड़े में खेले गए पहले टी-20 मैच में श्रीलंका को जीत के लिए 13 रन चाहिए थे और हार्दिक पांड्या ने खुद गेंदबाजी ना करके अक्षर पटेल को गेंदबाजी करवाई। पहली गेंद वाइड डालने के बाद उन्होंने 1 रन दिया और फिर एक छक्का पड़ा। सबने सोचा मैच वहीं खत्म हो गया लेकिन अंतिम 3 गेंदो पर करुणारत्ने छक्का नहीं मार सके। यह काफी कुछ महेंद्र सिंह धोनी जैसा लिया गया अटपटा फैसला था जिसके बावजूद भी टीम को जीत मिली।इस मैच की पहली पारी में अक्षर पटेल ने बल्ले से भी कमाल दिखाया था। उन्होंने नाबाद 20 गेंदो में 30 रनों की पारी खेली थी जिसमें 3 चौके और 1 छक्का शामिल था। अक्षर पटेल ने फिलहाल टीम को रविंद्र जड़ेजा की कमी महसूस नहीं होने दी है।