इंदौर: आस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों को स्वीप शॉट नहीं खेलने की सलाह देने के लिए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के बुधवार से शुरू हुए तीसरे टेस्ट के दौरान ऑस्ट्रेलियाई प्रशंसकों का एक समूह अनूठे अंदाज में झाड़ू लेकर यहां होलकर स्टेडियम में पहुंचा।
समूह में शामिल लोगों ने ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों को संदेश दिया कि वे भारत के सबसे स्वच्छ शहर में खेले जा रहे इस अहम मुकाबले में भारतीय स्पिनरों के खिलाफ स्वीप शॉट खेलने की कोशिश में अपना विकेट न गंवाएं।
ऑस्ट्रेलिया के प्रशंसकों ने झाड़ू के साथ तख्तियां भी थाम रखी थीं जिन पर झाड़ू के प्रतीक चिन्ह पर क्रॉस का निशान था और इसके नीचे छपा था-नो स्वीपिंग।
गौरतलब है कि दिल्ली में खेले गए दूसरे टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के ज्यादातर बल्लेबाज भारतीय स्पिनरों के खिलाफ स्वीप शॉट खेलने के प्रयास में आउट होकर पवेलियन पहुंच गए थे जिससे मेहमान टीम को हार का सामना करना पड़ा था।
तीसरे टेस्ट का गवाह बनने इंदौर पहुंचे ऑस्ट्रेलियाई नागरिक टॉम ने भी अपने देश के बल्लेबाजों को सोच-समझकर स्वीप शॉट खेलने की सलाह दी।
उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा,हर दूसरी गेंद पर स्वीप या रिवर्स स्वीप करना बल्लेबाजी का सही तरीका नहीं है। ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों को अपना स्वाभाविक खेल खेलने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।
बाएं हाथ के स्पिनर मैथ्यू कुहनेमैन ने अपने दूसरे ही टेस्ट में पांच विकेट चटकाए और फिर सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा ने अर्धशतक जड़ा जिससे ऑस्ट्रेलिया ने तीसरे टेस्ट क्रिकेट मैच के पहले दिन बुधवार को यहां पहली पारी में चार विकेट पर 156 रन के साथ भारत पर 47 रन की बढ़त बनाकर अपना पलड़ा भारी रखा।
स्पिन की अनुकूल पिच पर कुहनेमैन (16 रन पर पांच विकेट) और अनुभवी ऑफ स्पिनर नाथन लियोन (35 रन पर तीन विकेट) ने भारत को 33.2 ओवर में 109 रन पर समेट दिया।
भारत के लिए विराट कोहली 52 गेंद में 22 रन बनाकर शीर्ष स्कोरर रहे जबकि खराब फॉर्म से जूझ रहे लोकेश राहुल की जगह टीम में शामिल शुभमन गिल ने 21 रन बनाए।
ऑस्ट्रेलिया ने इसके जवाब में ख्वाजा (60) और मार्नस लाबुशेन (31) के बीच दूसरे विकेट की 96 रन की साझेदारी से मैच में अपनी स्थिति मजबूत रखी। यह ऑस्ट्रेलिया की ओर से श्रृंखला की सबसे बड़ी साझेदारी है। दिन का खेल खत्म होने पर पीटर हैंड्सकॉम्ब सात जबकि कैमरन ग्रीन छह रन बनाकर खेल रहे थे।
भारत ने उम्मीद के मुताबिक गेंदबाजी की शुरुआत रविचंद्रन अश्विन और रविंद्र जडेजा (63 रन पर चार विकेट) की स्पिन जोड़ी से कराई। जडेजा ने पारी के दूसरे ओवर में ही ट्रेविस हेड (09) को पगबाधा किया। मैदानी अंपायर ने उन्हें आउट नहीं दिया था लेकिन डीआरएस लेने पर उन्हें अपना फैसला बदलना पड़ा।
लाबुशेन भी इसके बाद जडेजा की गेंद को विकेटों पर खेल गए लेकिन यह नोबॉल हो गई। लाबुशेन ने इस जीवनदान का पूरा फायदा उठाया और ख्वाजा के साथ मिलकर चाय तक ऑस्ट्रेलिया का स्कोर एक विकेट पर 71 रन तक पहुंचाया।
लाबुशेन अश्विन के पारी के 11वें ओवर में भाग्यशाली रहे जब पगबाधा की विश्वसनीय अपील पर भारत ने डीआरएस नहीं लिया और रीप्ले में दिखा कि गेंद विकेटों से टकराती।
चाय के बाद भी भारत को सफलता के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा। ख्वाजा ने 30वें ओवर में अश्विन की गेंद पर एक रन के साथ 102 गेंद में अर्धशतक पूरा किया। इसी ओवर में ऑस्ट्रेलिया के रनों का शतक भी पूरा हुआ।
जडेजा ने 108 रन के स्कोर पर नीची रहती गेंद पर लाबुशेन को बोल्ड करके भारत को दूसरी सफलता दिलाई।
ख्वाजा भी इसके बाद जडेजा की गेंद को स्वीप करने की कोशिश में मिडविकेट पर गिल को कैच दे बैठे। उन्होंने 147 गेंद का सामना करते हुए चार चौके मारे।
कप्तान स्टीव स्मिथ ने 38 गेंद में 26 रन की पारी के दौरान कुछ आकर्षक शॉट खेले लेकिन जडेजा की गेंद पर विकेटकीपर भरत को कैच दे बैठे।हैंड्सकॉम्ब और ग्रीन ने हालांकि इसके बाद ऑस्ट्रेलिया को और झटके नहीं लगने दिए।(भाषा)