सबसे बड़ा एशियाई फुटबॉल कप शनिवार से शुरू, भारत दूसरे दिन शुरू करेगा अपना अभियान
अबू धाबी। भारत शनिवार से यहां शुरू होने वाले सबसे बड़े एशियाई कप फुटबॉल टूर्नामेंट में 2011 चरण के अपने निराशाजनक प्रदर्शन को भुलाने की उम्मीद करेगा और साथ ही 2026 विश्व कप में क्वालीफाई करने के सपने को साकार करने की ओर शुरुआती कदम के रूप में इसका इस्तेमाल करेगा।
एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) के इस महाद्वीपीय टूर्नामेंट में अब फाइनल में पहुंचने वाली टीमों की संख्या 16 से बढ़कर 24 हो गई है, जो जायद स्पोर्ट्स सिटी स्टेडियम में मेजबान संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और बहरीन के बीच ग्रुप 'ए' के बीच मैच से शुरू होगा। भारत उसी ग्रुप में शामिल है जिसमें मेजबान देश मौजूद है और टीम अपना अभियान रविवार को अल नाहयान स्टेडियम में थाईलैंड से भिड़कर करेगी।
ब्लू टाइगर्स की टीम ने अंतिम बार टूर्नामेंट में 8 साल पहले भाग लिया था जिसमें उसे ग्रुप चरण में क्षेत्रीय पॉवर हाउस ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और बहरीन के हाथों करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी। भारत चौथी बार इस टूर्नामेंट में शिरकत करेगा जिसका यह 17वां चरण होगा। टीम ने 2011 में 24 साल के इंतजार को खत्म किया था और टीम 2015 टूर्नामेंट के लिए क्वालीफिकेशन में चूक गई थी जिसमें मेजबान ऑस्ट्रेलिया विजेता रहा था, हालांकि टीम कोरिया या ऑस्ट्रेलिया जितनी मजबूत नहीं है लेकिन उन्हें बहरीन, थाईलैंड और यूएई जैसी टीमों के खिलाफ कड़ी चुनौती मिलेगी।
भारत के मुख्य कोच स्टीफन कांस्टेनटाइन प्रदर्शन को लेकर सकारात्मक हैं, क्योंकि टीम को लगातार 13 मैचों में हार का मुंह नहीं देखना पड़ा है और इस दौरान टीम ने टूर्नामेंट के लिए क्वालीफाई भी किया और फीफा रैंकिंग में अपना दूसरा सर्वश्रेष्ठ स्थान भी हासिल किया। भारतीय टीम इस समय रैंकिंग में 97वें स्थान पर काबिज है जबकि एक समय टीम अपने सबसे खराब रैंकिंग 173 पर पहुंच गई थी।
भारत 23 मेहमान टीमों में से यूएई की राजधानी में पहुंचने वाली पहली टीम रही, जो 20 दिसंबर को यहां पहुंच गई। 28 सदस्यीय टीम हालात के अनुरूप ढलने के लिए अभ्यास करने में जुटी है। एशिया कप काफी चुनौतीपूर्ण होगा और टीम इस बात से वाकिफ है। कांस्टेनटाइन ने टूर्नामेंट से पहले कहा कि हम टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करने को तैयार हैं। हमें उम्मीद है कि ये 23 खिलाड़ी हमारे लिए अच्छा काम करेंगे।
ऑस्ट्रेलियाई टीम खिताब बरकरार रखने के लिए टूर्नामेंट में प्रबल दावेदारों में से एक के रूप में आई है जिसने अपनी ही सरजमीं पर 2015 में ट्रॉफी जीती थी, वहीं दक्षिण कोरिया और जापान भी अपनी प्रतिद्वंद्विता जारी रखेंगे और इन दोनों की निगाहें ट्रॉफी पर लगी होंगी। दक्षिण कोरियाई टीम 50 साल से ज्यादा के इंतजार को खत्म करना चाहेगी तो वहीं जापान ने 2018 विश्व कप सेमीफाइनल में पहुंची बेल्जियम को रूस में राउंड-16 के मैच में कड़ी चुनौती दी थी। वर्ष 2007 में टूर्नामेंट जीतने वाली इराक की टीम भी बेहतरीन खेल दिखाने के लिए बेताब होगी। (भाषा)