कपिल ने भारतीय टीम की कमान 1982 में उस समय में संभाली थी, जब क्रिकेट खेलने वाले वेस्टइंडीज, इंग्लैड जैसे देशों के सामने भारतीय टीम की बिसात बांग्लादेश और केन्या जैसी टीमों की तरह थी। क्रिकेट प्रेमी तो दूर, कोई भारतीय खिलाड़ी भी उस समय विश्व कप जीतने के बारे में सोच नहीं रहा था।कपिल देव आज 63 साल के हो गए हैं।
कपिल देव और उनके विश्वकप की कहानी तो सब ही जानते है। कैसे उन्होंने एक साधारण सी टीम समझी जाने वाली भारतीय टीम को विश्वकप जिता दिया।
वह 18 जून 1983 का दिन था जब कपिल देव ने जिम्बाब्वे के खिलाफ खेले गए विश्व कप मैच में नाबाद 175 रन की ऐतिहासिक पारी खेली थी जिससे टीम के खिलाड़ियों में यह विश्वास जगाया था कि वह किसी भी परिस्थिति में जीत दर्ज कर सकते हैं।
कपिल ने यह पारी तब खेली जबकि भारत का स्कोर चार विकेट पर नौ रन था जो जल्द ही पांच विकेट पर 17 रन हो गया था।यही नहीं फाइनल में विव रिचर्ड्स का करिश्माई कैच कौन भूल सकता है। आईए जानते हैं कपिल देव के जन्मदिन पर 10 बातें-
- कपिल देव का जन्म 6 जनवरी 1959 में चंड़ीगढ़ में हुआ था।
- हरियाणा की ओर से खेलने के कारण और उनकी तेज गेंदबाजी के कारण उनका नाम हरियाणा हरिकेन्स बन गया।
- उन्होंने अपना अंतरराष्ट्रीय पदार्पण पाकिस्तान के खिलाफ साल 1978 में किया।
- कपिल का एक अनोखा रिकॉर्ड यह है कि वह कभी रन आउट नहीं हुए।
- वनडे विश्वकप जीतने वाले वह पहले एशियाई और भारतीय कप्तान बने।
- अपने पूरे करियर में वह किसी भी मैच में चोट के कारण बाहर नहीं बैठे। यह उनकी फिटनेस का स्तर बताता है।
- 1983 के विश्वकप में जिम्बाब्वे के विरुद्ध खेली गयी 175 रन की पारी , वनडे में किसी भी भारतीय खिलाड़ी का पहला शतक है।
- टेस्ट क्रिकेट में 4000 रन बनाने वाले और 400 विकेट लेने वाले वह एकमात्र खिलाड़ी हैं।
- कपिल देव ने अपने पूरे करियर में गेंदबाज के तौर पर कभी भी नो बोल नहीं फेंकी।
- उन्हें पद्म भूषण, पद्म श्री और अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।