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Written By वार्ता

रुक-रुककर उठने वाला तूफान

वीरेंद्र सहवाग के जन्मदिन 20 अक्टूबर पर विशेष

वीरेंद्र सहवाग
FILE
नजफगढ़ के नवाब के नाम से मशहूर वीरेंद्र सहवाग भारतीय क्रिकेट के अपने ढंग के ऐसे खिलाड़ी हैं, जिनका बल्ला बीच-बीच में खामोशी अख्तियार कर लेता है, लेकिन जब वह अचानक गरजता है तो अच्छे-अच्छे खिलाड़ियों और टीमों के हौसले पस्त हो जाते हैं।

अपने साथियों के बीच 'वीरू' के नाम से मशहूर वीरेंद्र सहवाग की अनिश्चित, लेकिन विस्फोटक बल्लेबाजी से कई ऐसे पहाड़नुमा रिकॉर्ड डूब चुके हैं, जो दुनिया के बल्लेबाजों के लिए वर्षों तक चुनौती बने हुए थे।

वे भारत के एकमात्र बल्लेबाज हैं, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट की एक पारी में सर्वाधिक 319 रन का रिकॉर्ड बनाया है। उन्होंने यह रिकॉर्ड मार्च 2008 को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चेन्नई टेस्ट के दौरान बनाया। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में किसी बल्लेबाज द्वारा यह सबसे तेज गति से बनाया तिहरा शतक भी है। इसके लिए उन्होंने मात्र 278 गेंद खेलीं।

बड़े स्कोर बनाने के मामले में वे आस्ट्रेलिया के सर डॉन ब्रैडमैन और वेस्टइंडीज के ब्रायन लारा के समकक्ष ठहरते हैं। उनके आदर्श सचिन तेंडुलकर इस मामले में उनसे कहीं पीछे हैं। ब्रैडमैन और लारा के बाद सहवाग दुनिया के तीसरे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में दो बार तिहरा शतक बनाने का कीर्तिमान स्थापित किया है।

वे दुनिया के एकमात्र ऐसे क्रिकेटहैं, जिन्होंने टेस्ट मैचों में दो तिहरे शतक बनाने के साथ एक पारी में पाँच विकेट भी हासिल किए हैं।

सहवाग ने अब तक 69 टेस्ट मैचों 50.06 के औसत से 15 शतक और 18 अर्द्धशतकों समेत 5757 रन और 205 एकदिवसीय मैचों में 34.33 के औसत से 11 शतक और 35 अर्द्धशतकों समेत 6592 रन बनाए हैं। एकदिवसीय मैचों में उनका सर्वाधिक स्कोर 130 रन है।
एकदिवसीय मैचों में सबसे तेज गति से शतक बनाने वाले भारतीय खिलाड़ी का रिकॉर्ड भी सहवाग के ही नाम है। उन्होंने इसी साल मार्च में हैमिल्टन में न्यूजीलैंड के खिलाफ मात्र 60 गेंदों पर शतक बनाकर यह कारनामा किया था।

सहवाग ने अब तक 69 टेस्ट मैचों 50.06 के औसत से 15 शतक और 18 अर्द्धशतकों समेत 5757 रन और 205 एकदिवसीय मैचों में 34.33 के औसत से 11 शतक और 35 अर्द्धशतकों समेत 6592 रन बनाए हैं। एकदिवसीय मैचों में उनका सर्वाधिक स्कोर 130 रन है।

हालाँकि सहवाग ट्वेंटी-20 मैच में अभी तक शतक नहीं लगा पाए हैं। इस श्रेणी के क्रिकेट में उनका अब तक का सर्वाधिक स्कोर 94 रन है।

सहवाग आक्रामक बल्लेबाज होने के साथ ही भारतीय टीम के उपयोगी ऑफ स्पिनर भी हैं और टेस्ट क्रिकेट में 43.62 के औसत से 29 विकेट और एकदिवसीय क्रिकेट में 40.58 के औसत से 84 विकेट हासिल कर चुके हैं। सहवाग को बड़े-बड़े शतक बनाने की आदत रही है।

टेस्ट मैचों में उन्होंने जो अंतिम 11 शतक बनाए हैं, सभी में 150 से ऊपर स्कोर किया है। इनमें दो तिहरे और तीन दोहरे शतक शामिल हैं। इस तरह वे 150 से ऊपर रनों के साथ लगातार सात शतक बनाने के ब्रैडमैन के रिकॉर्ड को पार कर चुके हैं।

सहवाग प्रति 100 गेंद पर 101.85 का तूफानी स्ट्राइक रेट रखते हैं। रनों का पीछा करने के मामले में भी वे बेहद सफल रहे हैं। उन्होंने अपने नौ में से पाँच शतक रनों का पीछा करते हुए ही बनाए हैं। उन्होंने तीन मौकों पर टीम की कप्तानी भी की है।
जीवन झाँकी : सहवाग का जन्म 20 अक्टूबर 1978 को दिल्ली के नजफगढ़ में रहने वाले हरियाणा के अनाज व्यापारी जाट परिवार में हुआ। उनके माता-पिता कृष्णा और कृष्ण सहवाग दिल्ली में बस गए। क्रिकेट से सहवाग का लगाव बचपन में ही हो गया। जब वे सात माह के ही थे, तभी उनके पिता ने उनके हाथ में खिलौने वाला बल्ला थमा दिया।

आगे चलकर क्रिकेट के प्रति उनका आकर्षण बढ़ता चला गया। पढ़ाई-लिखाई में कम दिलचस्पी होने के कारण उनके माता-पिता ने भी उन्हें क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया।

करियर के प्रारंभिक दिनों में सहवाग दिल्ली क्रिकेट टीम की तरफ से खेलते रहे। बाद में दलीप ट्रॉफी के लिए उत्तर क्षेत्र क्रिकेट टीम में उनका चयन कर लिया गया। इसी दौरान उन्होंने अगरतला में दक्षिण क्षेत्र के खिलाफ 327 गेंदों पर प्रतियोगिता में सर्वाधिक 274 रन और रणजी ट्रॉफी के एक मैच में पंजाब के खिलाफ मात्र 175 गेंदों पर आक्रामक 187 रन बनाए।

इन प्रदर्शनों के आधार पर 2000-01 में दक्षिण अफ्रीका जाने वाली अंडर-19 टीम में उनका चयन किया गया, जहाँ उन्होंने दो शतक ठोंके। सहवाग के लगातार अच्छे प्रदर्शनों को देखते हुए 2001 के मध्य में उन्हें राष्ट्रीय टीम में नियमित जगह दे दी गई।

सहवाग प्रति 100 गेंद पर 101.85 का तूफानी स्ट्राइक रेट रखते हैं। रनों का पीछा करने के मामले में भी वे बेहद सफल रहे हैं। उन्होंने अपने नौ में से पाँच शतक रनों का पीछा करते हुए ही बनाए हैं।

बीमारी, चोट लगने और रोटेशन नीति के कारण राहुल द्रविड़ के अनुपलब्ध रहने पर उन्होंने तीन मौकों पर टीम की कप्तानी भी की है।

अप्रैल 2009 में सहवाग को वह सम्मान मिला, जो अभी तक किसी भारतीय क्रिकेटर को नहीं मिला था। उन्हें 2008 में उनके प्रदर्शन के लिए विश्व के विजडन लीडिंग क्रिकेटर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। (वार्ता)