Last Modified: एडिलेड (वार्ता) ,
रविवार, 27 जनवरी 2008 (11:28 IST)
मुश्किल रहा सिडनी विवाद से निपटना-प्रॉक्टर
भारत-ऑस्ट्रेलिया सिरीज में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के मैच रेफरी की भूमिका निभा रहे माइक प्रॉक्टर ने सिडनी में खेले गए दूसरे टेस्ट के दौरान उठे नस्लभेदी विवाद से निपटने को अपनी जिंदगी के सबसे मुश्किल पलों में से एक बताया है।
सिडनी टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया के अश्वेत खिलाडी एंड्रयू साइमंड्स ने भारतीय आफ स्पिनर हरभजन पर नस्लीय टिप्पणी करने का आरोप लगाया था। प्रॉक्टर ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद हरभजन पर तीन मैचों का प्रतिबंध लगा दिया था, जिससे ऐसा विवाद खड़ा हुआ कि दौरे के बीच में ही रद्द होने का संकट पैदा हो गया था।
ऑस्ट्रेलियाई दैनिक 'सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड' में प्रकाशित प्रॉक्टर के बयान के अनुसार सिडनी प्रकरण से निपटना वर्ष 2006 में उठे ओवल विवाद से भी अधिक मुश्किल रहा। ओवल टेस्ट में भी मैच रेफरी की जिम्मेदारी प्रॉक्टर ही निभा रहे थे। उन्होंने गेंद से छेड़छाड़ करने का आरोप लगने पर पाकिस्तान द्वारा खेलने से इनकार करने के बाद इंग्लैंड को विजेता घोषित कर दिया था।
उन्होंने कहा कि सिडनी प्रकरण न केवल पेशेवर बल्कि निजी मायने में भी काफी मुश्किल रहा। मैं दक्षिण अफ्रीका का रहने वाला हूँ और मैंने नस्लभेद को बड़े नजदीक से देखा है। अब यहाँ पर नस्लभेद संबंधी विवाद पर फैसला करना आसान नहीं था।
प्रॉक्टर ने कहा कि सिडनी में मेरे सामने ऐसी स्थिति पेश आयी जिसमें मुझे अपने क्रिकेट अनुभव और सहज ज्ञान के आधार पर फैसला करना पडा। ऐसा लगता है कि मैं जहां कहीं भी जाता हूँ, नाटकीय स्थितियाँ पीछा करती हैं।
बहरहाल, उन्होंने हरभजन पर प्रतिबंध लगाने के बाद खुद पर लगे नस्लभेदी आरोपों पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने बस इतना ही कहा कि इन रिपोर्टों के विपरीत मैं तो यही कहूँगा कि भारतीयों के साथ मेरे ताल्लुकात अच्छे हैं। और अब तो यह मामला आईसीसी के पास है, लिहाजा मैं फैसला उसी पर छोडता हूँ।
हरभजन को आरोपमुक्त करने के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने आईसीसी के समक्ष अपील की हुई है। आईसीसी ने इस मामले की पड़ताल के लिए एक अपील कमीश्नर भी नियुक्त कर दिया है, जो एडिलेड टेस्ट के बाद मामले की सुनवाई करेंगे।