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Written By WD

धोनी ने पारी घोषित करने में देर क्यों की?

वेलिंगटन टेस्ट का आकलन

भारतीय टीम न्यूजीलैंड में टेस्ट श्रृंखला जीतकर वेलिंगटन टेस्ट
वेबदुनिया डेस्क

भारतीय टीम ने 41 सालों बाद न्यूजीलैंड में टेस्ट श्रृंखला जीतकर भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को खुश होने का एक और मौका दिया। भारतीय क्रिकेट के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है। कप्तान महेंद्रसिंह धोनी और उनकी पूरी टीम इस जीत के लिए बधाई के पात्र हैं।

बारिश के कारण वेलिंगटन टेस्ट में भारत जीत से वंचित रहा, लेकिन भारतीय टीम ने भी कुछ गलतियाँ कीं, जिसके कारण भारत के हाथ से जीत फिसल गई। इस टेस्ट में भारतीय क्षेत्ररक्षण बेहद घटिया रहा। अगर निर्णायक मौकों पर कैच लपके जाते तो न्यूजीलैंड वेलिंगटन टेस्ट को ड्रा करवाने में कामयाब नहीं होता।

धोनी बेहतरीन कप्तान हैं और जोखिम लेना जानते हैं, लेकिन वेलिंगटन टेस्ट में परिस्थितियों को पढ़ने में उनसे चूक हो गई। हालाँकि इस चूक की कीमत टीम की हार नहीं बल्कि 'ड्रॉ' है।

भारतीय कप्तान धोनी से भी पारी घोषित करने के मामले में चूक हो गई। टेस्ट के तीसरे दिन जब भारतीय पारी की बढ़त 500 रनों से ज्यादा की हो गई थी, तब पारी घोषित करने का अच्छा मौका था, लेकिन धोनी का ख्याल था कि न्यूजीलैंड 600 रनों का लक्ष्य देना ठीक होगा। बस यही धोनी की गलती रही। यदि धोनी 500 रनों की बढ़त पर पारी घोषित करते तो भारतीय गेंदबाजों को टेस्ट के तीसरे दिन कम से कम 20 ओवर फेंकने को मिलते, जिससे वे न्यूजीलैंड पर दबाव बना सकते थे।

जब बारिश होने की जानकारी पहले ही थी तो धोनी ने अपनी रणनीति क्यों नहीं बदली? क्यों वे देर तक बल्लेबाजी करते रहे? यहाँ मकसद धोनी की कप्तानी की आलोचना करना नहीं है, बल्कि जिस उपलब्धि से टीम वंचित रह गई, उसके कारणों की तह में जाना है।

टेस्ट क्रिकेट का इतिहास कहता है कि चौथी पारी में 400 रनों का लक्ष्य पाने के लिए विश्व रिकॉर्ड बनाना पड़ता है, लेकिन वेलिंगटन टेस्ट में धोनी को धुन सवार थी कि न्यूजीलैंड को 600 रनों का ही लक्ष्य देना है। जिद्द से दुनिया बदलने की जिद्द करने वाले धोनी यूँ तो 1000 रनों का लक्ष्य भी दे सकते थे, लेकिन उससे टीम इंडिया को जीता हुआ मैच ड्रॉ पर खत्म करना होता। अंत में हुआ भी यही कि टीम को ड्रॉ पर संतोष करना पड़ा।

41 साल बाद मिली जीत की खुशी में हम यह बात भूल जाने को तैयार हैं कि भारतीय कप्तान से चूक हुई। धोनी ने भी अपने फैसले पर पुनर्विचार जरूर किया होगा।