जीत के हकदार गेंदबाज : गंभीर
भारत के कार्यवाहक कप्तान गौतम गंभीर ने कीरोन पोलार्ड की तूफानी पारी के बावजूद वेस्टइंडीज पर पांचवें और आखिरी एकदिवसीय मैच में जीत का श्रेय गेंदबाजों को दिया, जिन्होंने अपनी लाइन और लेंथ नहीं बिगड़ने दी। पोलार्ड ने दस छक्कों की मदद से 119 रन बनाए लेकिन भारत तब भी 34 रन से जीतकर श्रृंखला 4-1 से अपने नाम करने में सफल रहा।वीरेंद्र सहवाग को विश्राम दिए जाने के कारण टीम की कमान संभाले रहे गंभीर ने कहा हम जानते थे कि जब पोलार्ड का दिन होता है तो वह कुछ भी कर सकते हैं लेकिन श्रेय हमारे गेंदबाजों को जाता है जिन्होंने उनके तूफानी तेवरों से प्रभावित हुए बिना अपना खेल खेला। उन्होंने कहा यह केवल एक गेंद का सवाल था। जो भी गेंद पोलार्ड के बल्ले पर आ रही थी वह मैदान के बाहर जा रही थी। ऐसे में गेंदबाजों ने अपनी लाइन और लेंथ नहीं बिगड़ने दी जो कि ऐसे मौके पर जरूरी भी होता है। गंभीर ने भारत की तरफ से शतक जड़ने वाले मनोज तिवारी की तारीफ की। तिवारी 104 रन बनाकर रिटायर्ड हर्ट हुए और उन्हें 'मैन ऑफ द मैच' भी चुना गया। उन्होंने कहा मनोज को शतक बनाते हुए देखना अच्छा लगा। उम्मीद है कि वह आगे भी इसी तरह की बल्लेबाजी करके और शतक बनाएगा। भारत ने छह विकेट पर 267 रन बनाए लेकिन गंभीर ने कहा कि टीम 240 रन को अच्छा स्कोर मानकर चल रही थी। वेस्टइंडीज के कप्तान डेरेन सैमी ने भी पोलार्ड की जमकर तारीफ की तथा कहा कि उनकी टीम ने जज्बा दिखाया लेकिन वह अच्छी तरह से अंत नहीं कर पाई। सैमी ने कहा पोलार्ड को पहला एकदिवसीय शतक बनाने पर बधाई। उसे बल्लेबाजी करते हुए देखना वास्तव में आनंददायक रहा। हमने कुछ अच्छी क्रिकेट खेली और और पूरी श्रृंखला में चुनौती पेश की लेकिन दुर्भाग्य से हम आखिर क्षणों में लड़खड़ाते रहे। उन्होंने कहा मैं अपने खिलाड़ियों को उनके प्रयासों के लिए बधाई देना चाहूंगा। उन्होंने इतनी लंबी श्रृंखला में जिस तरह से मेरा साथ दिया उससे मैं उनका आभारी हूं। हमें यहां से आगे बढ़ना है। मैं सहवाग और उनकी टीम को बधाई देता हूं लेकिन हम भी अपना सिर ऊंचा रख सकते हैं। तिवारी ने अपना 'मैन ऑफ द मैच' पुरस्कार कोलकाता में अस्पताल में लगी आग के शिकार लोगों को समर्पित किया। उन्होंने कहा मैं अमूमन स्पिन को अच्छी तरह से खेलता हूं इसलिए मैंने ढीली गेंदों का फायदा उठाने की पूरी कोशिश की। टीम प्रबंधन ने मेरा पूरा साथ दिया और ड्रेसिंग रूम में मेरे लिए चीजें सहज रही। मैं अपना यह पुरस्कार कोलकाता अस्पताल त्रासदी में मरने वाले लोगों को समर्पित करता हूं। (भाषा)