खराब पिच के कारण पाँचवाँ वनडे मैच रद्द
फिरोजशाह कोटला मैदान की खराब पिच के कारण भारत और श्रीलंका के बीच यहाँ खेला जा रहा पाँचवाँ और अंतिम वनडे मैच रद्द कर दिया गया है। यह फैसला मैच रैफरी, दोनों टीमों के कप्तान और दिल्ली जिला क्रिकेट संघ के बीच लंबी बहस के बाद लिया गया। सनद रहे कि आज जब खराब पिच के कारण मैच रोका गया था, तब श्रीलंका ने 23.3 ओवर में 5 विकेट खोकर 83 रन बनाए थे। विकेट का चरित्र इतना चौकाने वाला है कि गेंद कहीं से भी उठ रही थी और बल्लेबाज चोटिल हो रहे थे। जयसूर्या के कंधे और अँगुली पर चोट लगी जबकि दिलशान अपनी कोहनी तुड़वा बैठे। श्रीलंका के कप्तान कुमार संगकारा ने इस तरह की विकेट पर आगे खेल जारी रखने से मना कर दिया। अंपायर, मैच रेफरी, बोर्ड के ऑफिशियल और दिल्ली जिला क्रिकेट एसोसिएशन के पदाधिकारियों में विचार-विमर्श हुआ और अंतत: यह मैच रद्द कर दिया गया। मैच रोके जाने के पूर्व श्रीलंका की हालत बेहद खस्ता थी। टॉस हारने के बाद 18 ओवर के भीतर वह अपने पाँच प्रमुख बल्लेबाजों को खो चुका था। कोटला की पिच पर भारतीय गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण का जादू सिर चढ़कर बोला। यही कारण है कि लंका टॉप ऑर्डर थरंगा, दिलशान, संगकारा, जयसूर्या, समरवीरा़ बगैर करिश्मा किए आउट हुए। इस अंतिम वनडे मैच का आगाज बेहद सनसनीखेज ढंग से हुआ। जहीर खान ने मैच की पहली ही गेंद पर श्रीलंका के सलामी बल्लेबाज उपुल थरंगा को बोल्ड कर दिया। 11वें ओवर में जहीर खान भारत के लिए दूसरी सफलता लेकर आए। जहीर ने श्रीलंका के धाकड़ बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान को 20 रनों के निजी स्कोर पर विकेट के पीछे धोनी के दस्तानों में झिलवा दिया। हालाँकि 10वें ओवर में वे आशीष नेहरा की गेंद पर आर्म्स गार्ड नहीं पहनने की वजह से चोटिल हो गए थे। शायद इसी चोट ने दिलशान की एकाग्रता भंग की हो। इसके बाद लंका ने जल्दी, जल्दी तीन विकेट गँवाए। पहला एक दिवसीय मैच खेल रहे सुदीप त्यागी ने कुमार संगकारा (1) को सुरेश रैना के हाथों झिलवाया। हरभजन सिंह ने अपने पहले ही ओवर में सनथ जयसूर्या नाम की दीवार को पगबाधा आउट करके लंका की कमर ही तोड़ दी। जयसूर्या ने 31 रनों का योगदान दिया। सुदीप त्यागी के 18वें ओवर में श्रीलंका का पाँचवा विकेट थिलन समरवीरा (2) के रूप में पैवेलियन लौटा। समरवीरा सुरेश रैना के सटीक थ्रो पर रन आउट करार दिए गए। इस तरह लंका 63 रन पर पाँच विकेट खो चुका था। इससे पहले भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के 2 मैचों के निलंबन के बाद अंतिम एक दिवसीय मैच में वापसी हुई। धोनी ने सिक्के की उछाल में बाजी मारकर पहले गेंदबाजी करने का फैसला किया ताकि उनके तेज गेंदबाज विकेट की नमी का भरपूर फायदा उठा सकें। जहीर खान अपने कप्तान की कसौटी पर खरे उतरे और उन्होंने श्रीलंका का पहला विकेट उस समय हासिल किया, जब टीम का खाता भी नहीं खुला था। (वेबदुनिया न्यूज) कोटला पिच बनी खलनायककोटला के कलंक ने फिर हरा किया घाव