कानूनी रास्ता अपनाएगी कोच्चि टस्कर्स
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) द्वारा इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) टूर्नामेंट से हटाई गई टीम कोच्चि टस्कर्स केरल ने आईपीएल के पांचवें संस्करण में पुन: शामिल होने के लिए कानूनी रास्ता अपनाने का निर्णय किया है।ज्ञातव्य है कि विवादों से घिरी आईपीएल फ्रेंचाइजी को गत सितंबर बीसीसीआई ने लीग से हटा दिया था। फ्रेंचाइजी के सह-मालिकों ने कहा है कि अगर आईपीएल -5 से टीम को बाहर रखा गया तो वह अदालत से टूर्नामेंट पर ही रोक लगाने की अपील करेंगे।केरल के मुख्यमंत्री उम्मन चांडी के कोच्चि टस्कर्स के समर्थन में उतरने के बाद टीम के मालिकों को बड़ी राहत मिली है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को कहा था कि वह लीग में टीम की वापसी को लेकर हर संभव कोशिश करेंगे। उन्होंने साथ ही बीसीसीआई अध्यक्ष से भी इस बाबत मुलाकात कर मामले में हस्तक्षेप करने का भरोसा जताया था।फ्रेंचाइजी के एक सह-मालिक ने कहा हम नहीं चाहते कि खिलाड़ियों के करियर को लेकर कोई खिलवाड़ हो। हम सिर्फ यह कहना चाहते हैं कि जिस तरह हमारी टीम और हमारे साथ रवैया अपनाया गया है वह गलत है और हमारी टीम को लीग में दोबारा शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि टीम ने अब तक अन्य टीमों की तुलना में अधिक निवेश किया है और बीसीसीआई को भी इससे काफी फायदा हुआ है। टीम के सह-मालिक ने कहा कोच्चि टस्कर्स से बोर्ड को एक वर्ष में किश्त के रूप में 156 करोड़ रुपए की कमाई हुई जो अन्य चार से पांच टीमों द्वारा दस वर्षों में दी गई किश्त के बराबर है।फ्रेंचाइजी के एक अधिकारी ने कहा कि पूरी प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही कोच्चि टस्कर्स को लीग में शामिल किया गया है, लेकिन इसके बावजूद भी लीग से उन्हें बाहर कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि टीम को अगर आईपीएल के अगले संस्करण में शामिल नहीं किया गया तो उनके पास अदालत का दरवाजा खटखटाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचेगा।बीसीसीआई ने कोच्चि को लीग से बाहर करने के बाद 156 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी दी है जबकि टीम के टूर्नामेंट में वापसी के साथ ही सह मालिक बोर्ड को एक बार फिर से यह सारी रकम देने के लिए तैयार है। (वार्ता)