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Written By वार्ता
Last Modified: कराची (वार्ता) , मंगलवार, 31 जुलाई 2007 (00:27 IST)

इंजमाम नहीं उबर सके सदमे से

इंजमाम नहीं उबर सके सदमे से -
पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेट कप्तान इंजमाम उल हक वेस्टइंडीज में हुए विश्व कप के दौरान कोच बॉब वूल्मर की मौत और अपनी टीम के लचर प्रदर्शन के सदमे से अब तक उबर नहीं सके हैं।

1992 का चैम्पियन पाकिस्तान विश्व कप में इस साल पहली बार खेल रहे आयरलैंड से हारकर टूर्नामेंट के ग्रुप चरण से ही बाहर हो गया था। इसके अगले ही दिन 18 मार्च को वूल्मर जमैका के किंग्सटन में होटल के अपने कमरे में मृत पाए गए।

वूल्मर की मौत के कुछ घंटों बाद ही इंजमाम ने एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों से संन्यास और टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ने की घोषणा कर दी।

इंजमाम ने एक इंटरव्यू में ब्रिटेन के वूल्मर को दृढ संकल्प वाला व्यक्ति बताया जो पाकिस्तानी खिलाड़ियों के नजरिए को पूरी तरह बदलने में कामयाब रहा।

दिग्गज बल्लेबाज इंजमाम ने कहा कि इससे फर्क नहीं पड़ता कि हमारे निजी ताल्लुकात कैसे थे। बॉब को गेंदबाजों की फिटनेस को लेकर काफी परेशानी का सामना करना पडा । लेकिन वह नौजवानों की टीम को एकजुट करने और पेशेवर नजरिया देने में कामयाब रहे।

उन्होंने कहा बॉब खिलाड़ियों के लिए हमेशा उपलब्ध थे। उन्होंने खिलाड़ियों को ऐसा बना दिया है कि उन्हें नए कोच ज्योफ लासन के साथ काम करने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

इंजमाम 109 टेस्ट और 378 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके हैं। उन्होंने कहा कि एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैचों से संन्यास लेने और टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ने का फैसला उन्होंने अचानक ही कर लिया।

उन्होंने कहा कि मैंने अपने रिटायरमेंट के बारे में नहीं सोचा था। मुझे यह फैसला अपने कॅरियर के सबसे बुरे दौर में अचानक ही करना पड़ा। टीम के सभी खिलाड़ी निराश थे, लेकिन कप्तान होने के नाते मेरे लिए यह सब असहनीय था। मुझे अपने फैसले पर कोई अफसोस नहीं है।

इंजमाम 1992 और 1999 में विश्व कप के फाइनल में खेलने वाली टीम में शामिल थे। उन्होंने कहा कि पिछले दो विश्व कप के पहले राउंड से ही बाहर होने का उन्हें बहुत मलाल है। 37 साल के इंजमाम ने इस धारणा को गलत बताया कि एशियाई क्रिकेटरों के साथ जुडे रसूख, धन और चमकदमक से एकदम नाता नहीं तोड़ पाने की वजह से ही वह टेस्ट मैचों में खेलते रहना चाहते हैं।

टेस्ट क्रिकेट में 9813 रन बना चुके इंजमाम ने कहा कि मैं अपने फॉर्म और फिटनेस को लेकर आश्वस्त हूँ। मेरे लिए 10000 टेस्ट रन पूरे करना कोई मुश्किल काम नहीं है। इंजमाम ने कहा कि टेस्ट टीम में चुने जाने पर उन्हें किसी भी कप्तान के साथ खेलने में कोई एतराज नहीं होगा। हर किसी की तरह मैं भी अपनी टीम को जीतते देखना चाहता हूँ। मुझे किसी की भी कप्तानी में खेलने में कोई दिक्कत नहीं है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान टीम में कप्तान का इम्तहान तब होता है जब टीम अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही हो। टीम जीत रही हो तो सब कुछ अच्छा रहता है। टीम हार रही हो तो खिलाड़ियों को एकजुट रखना बडी चुनौती बन जाता है।

इंजमाम ने कहा कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को अपने सीनियर खिलाड़ियों को ज्यादा सम्मान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि खिलाड़ियों पर बेवजह दबाव नहीं डाला जाना चाहिए। उनके साथ अच्छा बर्ताव हो तो वे देश के लिए ज्यादा मन लगा कर खेलेंगे।