अमेरिका की नजर अब भारत और चीन में कार बिक्री की बढ़ती संख्या पर पड़ी है। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि भारत और चीन के लोग ज्यादा कारें खरीद रहे हैं। इससे ईंधन पर दबाव बढ़ सकता है।
न्यूयॉर्क के उपनगर में एक रैली को संबोधित करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने ‘बफेलो से बैंगलुरु’ के पुराने राग को तो नहीं दोहराया, लेकिन कहा कि भारतीय और चीनी लोग बड़ी संख्या में कारें खरीद रहे हैं जिससे पेट्रोलियम पदार्थों पर फिर एक बार दबाव बढ़ सकता है।
ओबामा ने परिवहन के लिए कारों के बजाय सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के इस्तेमाल की वकालत करते हुए कहा कि यह पर्यावरण के लिए भी अच्छा रहेगा। उन्होंने कहा कि हमें यह बात नहीं भूलना चाहिए कि हम चाहे कुछ भी करें, दीर्घावधि में तेल के दाम ऊपर की ओर ही जाएँगे।
उन्होंने कहा साल दर साल आधार पर तेल कीमतों में बदलाव हो सकता है। कभी यह चार डॉलर प्रति गैलन होगी तो कभी ढाई डॉलर पर आ सकती है।
ओबामा ने कहा कि आपको हमेशा यह पता नहीं होता कि क्या हो रहा है। लेकिन दीर्घावधि का रुख यह है कि चीन और भारत जैसे देशों ने कार खरीदना शुरू कर दिया है। ऐसे में पेट्रोलियम उत्पादों की माँग लगातार बढ़ेगी। इसलिए जरूरी है कि हमारी परिवहन व्यवस्था बेहतर हो।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने माना कि अमेरिका कभी शीर्ष पर था, लेकिन आज चीन जैसे देश आगे निकल रहे हैं। वे देश भर में द्रुत गति की रेल लाइन बना रहे हैं और हमें पीछे छोड़ रहे हैं। (भाषा)