Last Modified: नई दिल्ली ,
शुक्रवार, 14 मई 2010 (20:39 IST)
ढाँचागत परियोजना विकास पर रखें नजर-पीएम
प्रमुख ढाँचागत परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने योजना आयोग से सभी महत्वपूर्ण परियोजनाओं की प्रत्येक तिमाही निगरानी करने की एक प्रणाली विकसित करने को कहा है।
अधिकारियों ने कहा कि इन लक्ष्यों पर हर तिमाही ढाँचागत क्षेत्र पर कैबिनेट कमेटी नजर रखेगी। ढाँचागत क्षेत्र पर कैबिनेट कमेटी के अध्यक्ष स्वयं प्रधानमंत्री हैं।
उन्होंने बताया कि योजना आयोग हर तिमाही रपट तैयार करेगा जिसे कमेटी के समक्ष पेश किया जाएगा। आयोग ढाँचागत क्षेत्र के मामलों से जुड़े प्रत्येक मंत्रालय के लिए सोमवार को लक्ष्य तय करेगा।
उन्होंने बताया कि परियोजनाओं की प्रगति की स्थिति की सार्वजनिक जाँच कराने का भी निर्णय लिया गया है, इसलिए अब सड़क, बिजली, रेलवे, बंदरगाह और हवाई अड्डों के मामलों से जुड़े मंत्रालयों को अपनी वेबसाइटों पर अपने लक्ष्य की जानकारी डालनी होगी।
आयोग सूत्रों ने हालाँकि स्पष्ट किया है कि सभी ढाँचागत परियोजनाओं को प्रस्तावित निगरानी प्रणाली में नही लाया जाएगा। उदाहरण देते हुए सूत्रों ने बताया कि हवाई अड्डा विकास की वही परियोजनाएँ योजना आयोग की निगरानी में रहेंगी जिनकी लागत 150 करोड अथवा इससे अधिक होगी।
इस बीच योजना ने 50000 करोड रुपए का एक ढाँचागत कोष बनाने का प्रस्ताव किया है। देश में 12वीं योजना (2012 से 2017) के दौरान ढाँचागत क्षेत्र की विभिन्न परियोजनाओं में 4500000 करोड़ रुपए के निवेश का अनुमान है। इस दिशा में शुरुआत के लिए योजना आयोग ने 50 हजार करोड़ रुपए का मूल कोष बनाने का प्रस्ताव किया है। इसके लिए आयोग ने एक समिति का भी गठन किया है, जिसका नेतृत्व एचडीएफसी अध्यक्ष दीपक पारिख करेंगे। समिति प्रमुख ढांचागत परियोजनाओं के लिए धन संसाधन जुटाने की संभावनाओं को देखेगी। समिति दो सप्ताह में योजना पैनल को अपनी रिपोर्ट सौपेंगी।
सरकार ने प्रस्तावित ढाँचागत कोष के लिए विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक, घरेलू वित्त संस्थानों जिसमें बीमा और पेंशन कोष भी शामिल हैं, से रिण सहायता माँगेगी। (भाषा)