Last Modified: नई दिल्ली ,
शुक्रवार, 14 मई 2010 (15:28 IST)
अप्रैल में कुछ नरम हुई मुद्रास्फीति
फल एवं सब्जियों तथा धातुओं के दाम उच्च स्तर पर बने रहने के बावजूद अप्रैल महीने में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर एक महीने पहले के मुकाबले कुछ नरम पड़कर 9.59 प्रतिशत रह गई। मार्च 2010 में मुद्रास्फीति की दर 9.90 प्रतिशत पर थी।
उपलब्ध आँकड़ों के अनुसार मार्च के मुकाबले फल, प्याज, गेहूँ और अनाज के दाम कुछ घटने के कारण अप्रैल में सकल मुद्रास्फीति में गिरावट का रुख बना है, जबकि समूह वार मुद्रास्फीति में खाद्य वस्तुओं पर आधारित मुद्रास्फीति की दर 16.87 प्रतिशत और ईंधन समूह में 12.55 प्रतिशत रही।
अप्रैल में आलू के दाम 28.70 प्रतिशत और प्याज के दाम 11.62 प्रतिशत नीचे आ गए। इसके विपरीत लोहा और इस्पात के दाम अप्रैल में 11.40 प्रतिशत बढ़ गए।
चीनी के दाम भी अप्रैल में नीचे आए हैं। आँकड़ों के अनुसार मार्च के मुकाबले अप्रैल में चीनी के दाम 5.74 प्रतिशत नीचे आए हैं। हालाँकि एक साल पहले की तुलना में चीनी अभी भी महँगी बनी हुई है।
पिछले वित्त वर्ष के अंतिम महीने मार्च में सकल वस्तुओं के थोक मूल्यों पर आधारित मुद्रास्फीति 9.9 प्रतिशत तक पहुँच जाने के बाद इसके जल्द ही दहाई अंक को पार कर जाने की आशंका व्यक्त की जा रही थी। हालाँकि अप्रैल में यह दहाई के आँकड़े से पीछे हटकर 9.59 प्रतिशत रह गई।
पिछले वर्ष नवंबर से सरकार ने थोक मूल्यों पर आधारित मुद्रास्फीति के मासिक आँकड़े जारी करने शुरू कर दिए थे, जबकि प्राथमिक वस्तुओं और ईंधन समूह के आँकड़े साप्ताहिक आधार पर जारी किए जाते हैं। (भाषा)