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Written By वेबदुनिया न्यूज डेस्क
Last Updated : बुधवार, 15 सितम्बर 2021 (16:25 IST)

...तो पेट्रोल 75 रुपए और डीजल 68 रुपए प्रति लीटर हो सकता है

...तो पेट्रोल 75 रुपए और डीजल 68 रुपए प्रति लीटर हो सकता है - WIll Petrol and Diesel come under GST
पेट्रोल-डीजल की आसमान छूती कीमतें और आवश्यक वस्तुओं में महंगाई की मार से परेशान लोगों को सरकार राहत दे सकती है। माना जा रहा है कि 17 सितंबर को जीएसटी काउंसिल की बैठक में पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है। मार्च 2021 में एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अगर ऐसा होता है तो पेट्रोल के दाम 75 रुपए प्रति लीटर और डीजल के दाम 68 रुपए प्रति लीटर हो सकते हैं।
 
हालांकि ज्यादातर राज्य भी नहीं चाहते कि पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए। यदि ऐसा किया जाता है तो राज्यों को राजस्व का बहुत ज्यादा नुकसान होगा। ऐसे में जीएसटी प्रणाली में किसी भी तरह बदलाव के लिए पैनल के तीन-चौथाई लोगों की मंजूरी जरूरी है।
 
क्यों उठ रही है यह मांग : वर्तमान में ज्यादातर राज्यों में पेट्रोल की कीमतें 110 रुपए प्रति लीटर के आसपास चल रही हैं। केंद्र सरकार के करों के अलावा देश के कई राज्यों पेट्रोल-डीजल पर कर वसूलते हैं जिनसे आम जनता को महंगाई की मार पड़ती है। देश के कई राज्यों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी अंतर होता है। हर शहर में पेट्रोल डीजल के दाम बदल जाते हैं। ऐसे में श्रीगंगानगर, अनुपपुर जैसे शहरों में पेट्रोल के काफी ज्यादा दाम चुकाने होते हैं जबकि चेन्नई जैसे शहरों में इसके काफी कम दाम चुकाने होते हैं। यह अंतर 1-2  नहीं बल्कि 10 रुपए प्रति लीटर से भी ज्यादा है।
 
आसान नहीं है राह : मध्यप्रदेश पेट्रोल पंप डीलर्स ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह का कहना है कि जीएसटी काउंसिल में पेट्रोलियम पदार्थों के दाम कम होने की चर्चा को वह केवल एक शिगूफा मान रहे है। अभी जीएसटी काउंसिल में केवल प्रारंभिक चर्चा होनी है और इसमें पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर सहमति हो भी जाती है तो इसके लागू होने को लेकर कई सवाल और दांवपेंच है। सबसे बड़ा सवाल है कि क्या कांग्रेस शासित राज्य इस पर सहमत होंगे। वहीं बड़ी बात यह भी है कि जीएसएटी काउंसिल इस प्रस्ताव से सहमत नहीं है।
 
वहीं अजय सिंह कहते हैं कि उनकी राय में पेट्रोल-डीजल के जीएसटी के दायरे में आने से कोई बड़ा फर्क नहीं पड़ने वाला है। अगर सरकार पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाती है तो वह जीएसटी के सबसे बड़े स्लैब (28%) में आएगा। ऐसे में मध्यप्रदेश और राजस्थान  जैसे राज्य जहां पेट्रोल-डीजल पर वैट सबसे अधिक (39%) है वहां दाम में प्रति लीटर 2 से 3 रुपए तक कमी आ सकती है लेकिन अन्य राज्य जहां वैट कम है वहां पर कोई बहुत अंतर नहीं पड़ने वाला है।
 
मंत्री ने लोकसभा में दिया था बड़ा बयान : हालांकि लोकसभा में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने 19 जुलाई को लोकसभा को लिखित जवाब में कहा था कि वर्तमान में पेट्रोल डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की कोई योजना नहीं है।
 
क्या कहती है SBI रिपोर्ट : एसबीआई विशेषज्ञों ने मार्च 2021 में जारी रिपोर्ट में कहा था कि अगर पेट्रोलियम ईधनों को जीएसटी के दायरे में ले आया जाए तो देश में पेट्रोल का भाव 75 रुपए प्रति लीटर के स्तर तक गिर सकता है। डीजल भी सस्ता होकर 68 रुपए प्रति लीटर हो सकता है। इससे सरकार को 1 लाख करोड़ का नुकसान होगा। यह अनुमान कच्चे तेल का दाम 60 डॉलर प्रति बैरल और रुपए का विनिमय मूल्य 73 प्रति डॉलर के हिसाब से लगाया गया था।
 
फिलहाल कच्चे तेल के दाम 73.29 डॉलर प्रति बैरल और रुपए का विनिमय मूल्य 73 रुपए प्रति डॉलर है। इस हिसाब से जीएसटी लागू होने के बाद पेट्रोल डीजल के मूल्य में एसबीआई की रिपोर्ट में दिए गए मुल्य में कुछ अंतर आ सकता है। 
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