गुरुवार, 19 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. व्यापार
  3. समाचार
  4. What is hindu growth rate? Why there was ruckus on Raghuram Rajan statement
Written By
Last Updated : शनिवार, 11 मार्च 2023 (12:58 IST)

हिंदू ग्रोथ रेट क्या है? रघुराम राजन के बयान पर क्यों मचा बवाल...

हिंदू ग्रोथ रेट क्या है? रघुराम राजन के बयान पर क्यों मचा बवाल... - What is hindu growth rate? Why there was ruckus on Raghuram Rajan statement
रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने हिंदू ग्रोथ रेट को लेकर चिंता जताई है। उनका कहना है कि भारत की जीडीपी ग्रोथ हिंदू रेट ऑफ ग्रोथ के करीब आ गई है। जानिए क्या है हिंदू ग्रोथ रेट, डॉ.राजन क्यों जता रहे हैं इस पर चिंता? और राजन के बयान पर क्यों मचा देश में बवाल?
 
क्या है हिंदू ग्रोथ रेट : आजादी के बाद आर्थिक रूप से देश के हालात अच्छे नहीं थे। इंफ्रास्ट्रक्चर कमजोर था, अधिकतर लोग खेती पर आश्रित थे। सड़कों का अभाव था। इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में सरकार को 30 साल से ज्यादा लग गए। इस वजह से विकास की रफ्तार धीमी रही।
 
भारतीय अर्थव्यवस्था की 1950 से लेकर 1980 तक निम्न वृद्धि दर को हिन्दू वृद्धि दर कहा जाता है। यह शब्द दक्षिण कोरिया के हान नदी पर चमत्कार और ताइवान की उच्च वृद्धि दर के विपरीत स्थिति को दर्शाता है। 1950 के बाद लगभग 1980 तक, भारत की ग्रोथ रेट औसतन 4% से ज्यादा बढ़ नहीं रही थी। तब अर्थशास्त्री प्रो. राजकृष्णा ने 1978 में पहली बार 'हिन्दू ग्रोथ रेट' शब्द का प्रयोग किया था।
 
1991 के बाद शुरू हुआ आर्थिक सुधार : भारत में आर्थिक सुधार की रफ्तार 1991 में बढ़ी। उस समय प्रधानमंत्री नरसिंह राव की सरकार ने उदारीकरण की शुरुआत की। बैंकों का राष्‍ट्रीयकरण किया गया। उसके बाद से ही देश की विकास दर 'हिन्दू ग्रोथ रेट' की धीमी चाल को छोड़कर तेजी से बढ़ी। वर्ष 2003 से 2008 के बीच देश की विकास दर औसतन 9 फीसदी के आस-पास रही।

वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर घटी : राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जीडीपी की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही में घटकर 4.4 प्रतिशत पर आ गई। मुख्य रूप से विनिर्माण क्षेत्र के खराब प्रदर्शन की वजह से जीडीपी में यह गिरावट आई है।
 
Raghuram Rajan
क्या बोले रघुराम राजन : रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर राजन ने कहा कि अभी प्राइवेट सेक्टर का इनवेस्टमेंट कम है। ब्याज दरें बढ़ रही हैं। साथ ही वैश्विक स्तर पर विकास दर कम हो रही है। डॉक्टर राजन के अनुसार, अगर आप 2019-20 की तीसरी तिमाही के बाद से औसत विकास दर 3.7% के आसपास है। उनका मानना है कि देश हिंदू ग्रोथ रेट की ओर जा रहा है।
 
सोशल मीडिया पर बवाल : रघुराम राजन की टिप्पणी पर सोशल मीडिया पर जमकर बवाल मचा। एक यूजर ने कहा कि 2022-23 में भारत की विकास दर 7% रहने का अनुमान है। IMF द्वारा 2023-24 में इसके 6.5% की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। फिर भी, रघुराम राजन इस दर को हिंदू विकास दर कहते हैं। धीमी गति से बढ़ रहे देशों को वह ईसाई विकास दर कहेंगे या इस्लामी विकास दर? हिंदुओं से इतनी नफरत क्यों?
 
एक अन्य यूजर ने कहा कि ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री डेविड कैमरून पहले ही सार्वजनिक रूप से ब्रिटेन को क्रिश्‍चियन देश बता चुके हैं। पर हमने कभी नहीं सुना कि रघुराम राजन ने ब्रिटेन की जीडीपी ग्रोथ रेट को क्रिश्‍चियन रेट ऑफ ग्रोथ कहा हो।
 
क्या धीमी हो रही है अर्थव्यवस्‍था की रफ्तार : हालांकि भारत सरकार नहीं मानती कि देश में अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी हो रही है। वित्त मंत्रालय के अनुसार, 2022-23 में भारत की विकास दर 7 प्रतिशत रहने की संभावना है। 2023-24 के दौरान भारत की जीडीपी विकास दर 6.0 से 6.8 प्रतिशत रहने की संभावना है।