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Last Modified: सोमवार, 14 मार्च 2022 (21:27 IST)

Retail Inflation: आम आदमी को झटका, खुदरा महंगाई 8 महीने के रिकॉर्ड स्तर पर

Retail Inflation: आम आदमी को झटका, खुदरा महंगाई 8 महीने के रिकॉर्ड स्तर पर - Retail inflation hits 8 month high of 6.07% in Feb; wholesale stays in double digits
नई दिल्ली। आम आदमी को महंगाई का झटका लगा है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति फरवरी 2022 में बढ़कर 6.07 प्रतिशत हो गई। पिछले साल फरवरी महीने में खुदरा बाजार में महंगाई दर 5.03 फीसदी और इस वर्ष जनवरी में 6.01 प्रतिशत थी। 8 महीने के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है।
 
विशेषज्ञों का कहना है कि मुद्रास्फीति के ऊंचा बने रहने के बावजूद रिजर्व बैंक फिलहाल नीतिगत दर के मामले में यथास्थिति और उदार रुख बनाए रखेगा। अनाज, ईंधन और कच्चे माल की कीमतों में तेजी का मुद्रास्फीति पर असर है। फरवरी में खाद्य मुद्रास्फीति भी बढकर 5.85 प्रतिशत पर पहुंच गयी, जो जनवरी में 5.43 प्रतिशत थी।
 
लगातार दूसरे माह फरवरी में भी मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को दी गई 6 प्रतिशत की स्वीकार्य सीमा से ऊपर बनी हुई है। इससे कर्ज सस्ता रखने की केंद्रीय बैंक की नीति के लिए चुनौती पैदा हो सकती है। केंद्रीय बैंक को खुदरा महंगाई दर 4 प्रतिशत के आस-पास सीमित रखने का दायित्व दिया गया है और इसमें ज्यादा से ज्यादा दो प्रतिशत घटबढ़ को ही सहज स्वीकार्य माना जाता है।
आज ही जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार फरवरी में थोक मुद्रास्फीति 13.11 प्रतिशत पर पहुंच गई,  जो जनवरी में 12.96 प्रतिशत थी।
 
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित खाद्य मुद्रास्फीति फरवरी 22 में बढ़कर 5.85 प्रतिशत रही। यह जनवरी में 5.43 प्रतिशत थी। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार फरवरी में तेल और वसा मुद्रास्फीति सालाना आधार पर बढ़कर 16.44 प्रतिशत हो गई जबकि मांस और मछली में 7.45 प्रतिशत की वृद्धि हुई। अनाज और उत्पादों में 3.95 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिससे खाद्य टोकरी की समग्र मुद्रास्फीति में वृद्धि हुई।
 
अनुबंध पर खाद्य सेवा प्रदान करने वाली कंपनी सीआरसीएल के सीईओ एवं प्रबंध निदेशक डीआरई रेड्डी ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति लगातार पांच माह से बढ़ रही है। इस वर्ष की पहली तिमाही के शुरू से ही अनाज , अंडे और दुग्ध उत्पाद महंगे हो रहे हैं।
 
कोटक महिंद्रा बैक की वरिष्ठ अर्थशास्त्री उपासना भारद्वाज ने कहा कि जिंस और कच्चे माल की कीमतों में तेजी का दबाव है। उन्होंने इसके बावजूद कहा कि हम निकट भविष्य में नीतिगत फैसलों और रुख में किसी बदलाव की उम्मीद नहीं करते हैं क्योंकि आरबीआई टिकाऊ विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
 
इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि अप्रैल 2022 की मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में एक बार फिर यथास्थिति की उम्मीद है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य अर्थशास्त्री निखिल गुप्ता ने कहा कि मुख्य मुद्रास्फीति लगातार छह माह से वार्षिक आधार पर 6.2 प्रतिशत के स्तर पर बनी हुई है। 
 
उन्होंने कहा कि इस समय मुद्रास्फीति कुछ ऊंची जरूर है और यह रिजर्व बैंक के अनुमान 4.5 प्रतिशत से ऊंची रह सकती है, पर इसके कारण अगले महीने नीतिगत ब्याज दर बढ़ाने जैसी कार्रवाई की संभावना नहीं है।
नाइट फ्रैंक इंडिया की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा का कहना है कि सब्जियों की कीमत में मौसमी दबाव के अलावा कपड़े जूते-चप्पल और घरेलू समानों की कीमतें ऊंची है और विनिर्माताओं द्वारा दाम बढ़ाने की संभावनाएं ऊंची बनी हुई हैं। फिर भी सुश्री सिन्हा का मानना है कि अप्रैल में रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ब्याज दरों और उदार मौद्रिक रुख में बदलाव नहीं करेगी।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के लिए एनएसओ के फील्ड कर्मियों सभी राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के 1,114 शहरी बाजारों और 1,181 गांवों से खुदरा मूल्य के आंकड़े एकत्र किया जाते हैं।
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