• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. व्यापार
  3. समाचार
  4. Oil Ministry freezes gas allocation, prices of CNG, PNG spike
Written By
Last Modified: रविवार, 17 अप्रैल 2022 (15:51 IST)

महंगाई की मार, सालभर में 60 प्रतिशत महंगी हुई CNG, 33 फीसदी बढ़े PNG के दाम

महंगाई की मार, सालभर में 60 प्रतिशत महंगी हुई CNG, 33 फीसदी बढ़े PNG के दाम - Oil Ministry freezes gas allocation, prices of CNG, PNG spike
नई दिल्ली। पेट्रोलियम मंत्रालय ने घरेलू क्षेत्रों (फील्ड) से शहरी गैस वितरकों (सीजीडी) के लिए प्राकृतिक गैस का नया आवंटन बंद कर दिया है, जिससे सीएनजी और पीएनजी के दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। पेट्रोलियम मंत्रालय के इस कदम से क्षेत्र में 2 लाख करोड़ रुपए की निवेश योजना की व्यवहार्यता को लेकर ‘अंदेशा’ पैदा हो गया है। इसी का नतीजा है कि पिछले एक साल से कुछ अधिक में सीएनजी का दाम 60 प्रतिशत या 28 रुपए प्रति किलोग्राम बढ़ गए हैं। वहीं पीएनजी की कीमतों में एक-तिहाई यानी करीब 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
 
इस मामले की जानकारी रखने वाले तीन सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के शहरी गैस वितरण क्षेत्र को ‘बिना कटौती’ के प्राथमिकता के आधार पर 100 प्रतिशत गैस आपूर्ति के निर्णय के बावजूद क्षेत्र को आपूर्ति मार्च, 2021 की मांग के स्तर के आधार पर की जा रही है। इसके चलते शहरी गैस वितरण कंपनियों को ऊंची कीमत पर आयातित एलएनजी की खरीद करनी पड़ रही है जिससे गैस की कमी हो गई है और कीमतों में उछाल आया है।
 
मंत्रालय ने कहा कि उसे सीजीडी इकाइयों से अक्टूबर, 2021 से मार्च, 2022 के लिए अद्यतन आंकड़े मिलने का इंतजार है, जिसके आधार पर अप्रैल, 2022 में आवंटन किया जा सके। अभी तक इन इकाइयों से ये आंकड़े नहीं मिले हैं।
 
सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय को हर साल प्रत्येक 6 माह में यानी अप्रैल और अक्टूबर में पिछले छह महीनों की सत्यापित मांग के आधार पर घरेलू गैस का आवंटन करना होता है। लेकिन मार्च, 2021 से इस तरह कोई आवंटन नहीं किया गया है।
 
मंत्रालय ने कहा कि अक्टूबर, 2020 और मार्च, 2021 की खपत के आंकड़ों के आधार पर अप्रैल-अक्टूबर, 2021 के आवंटन को पिछले साल अप्रैल में संशोधित किया गया था।
 
शहरी गैस वितरण इकाइयों ने मंत्रालय से क्षेत्र को गैस की आपूर्ति ‘नो कट’ श्रेणी में पिछले दो माह के औसत के आधार पर देने का आग्रह किया है। इससे उन्हें सीएनजी और पीएनजी की मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी। सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ने ऐसा नहीं किया है और पिछले एक साल से अधिक से गैस का कोई नया आवंटन नहीं किया है।
 
आवंटन में कमी के अलावा सीएनजी और पीएनजी के लिए एपीएम गैस के दाम 2.90 डॉलर प्रति मिलियन ब्रिटिश थर्मल यूनिट (प्रति इकाई) से बढ़ाकर 6.10 डॉलर प्रति इकाई कर दिए गए हैं। इस तरह एपीएम गैस के दामों में 110 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
 
नए क्षेत्रों में सीएनजी नेटवर्क और आपूर्ति के विस्तार से मौजूदा शहरों में सीएनजी की मांग काफी तेजी से बढ़ी है। घरेलू क्षेत्रों से आवंटन की कमी का मतलब है कि ऑपरेटरों को आयातित तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) खरीदनी होगी जिसकी कीमती घरेलू दरों से कम-से-कम छह गुना अधिक हैं। 
 
सूत्रों ने कहा कि इसने पूरे सीजीडी क्षेत्र की आर्थिक व्यवहार्यता पर सवालिया निशान लग गया है। इससे नए शहरों में विस्तार के लिए दो लाख करोड़ रुपये की निवेश योजना की व्यहवार्यता पर सवाल खड़ा हो गया है। सीएनजी के ऊंचे दामों ने वाहन ईंधन के इस सस्ते विकल्प की कीमत को पेट्रोल और डीजल के करीब ला दिया है। ऐसे में उपभोक्ताओं को अब अपने वाहनों को स्वच्छ ईंधन विकल्प में बदलना आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं रह गया है।
 
सरकार के वर्ष 2030 तक देश के ऊर्जा ‘बॉस्केट’ में पर्यावरणानुकूल प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी को 15 प्रतिशत पर पहुंचाने के लक्ष्य के मद्देनजर शहरी गैस परियोजनाएं महत्वपूर्ण हैं। अभी प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी 6.7 प्रतिशत है।
 
सूत्रों का कहना है कि ऐसी परियोजनाओं को घरेलू गैस की आपूर्ति रोकने से इस लक्ष्य को हासिल करने की राह में अड़चनें आएंगी।
 
पेट्रोलियम मंत्रालय ने 20 अगस्त, 2014 को संशोधित दिशानिर्देश जारी किए थे, जिसमें एक विशेष भौगोलिक क्षेत्र (जीए) में सीएनजी और पीएनजी की मांग के आकलन के आधार पर हर छह महीने में घरेलू क्षेत्रों से शहरी गैस ऑपरेटरों को गैस के आवंटन का वादा किया गया था।
 
मंत्रालय के इन दिशानिर्देशों के बावजूद अप्रैल, 2021 की समीक्षा और उसके बाद के चक्रों में गैस का आवंटन नहीं बढ़ाया गया है। सूत्रों ने बताया कि शहर गैस वितरण क्षेत्र को प्रतिदिन 2.2 करोड़ मानक घन मीटर प्रतिदिन (22 MMSCMD) गैस की जरूरत है, जबकि उन्हें आपूर्ति 17 MMSCMD की हो रही है। (भाषा)
ये भी पढ़ें
खरगोन हिंसा मामले पर संजय राउत ने BJP पर साधा निशाना, बोले- पूरी घटना पर भगवान राम भी बेचैन होंगे...