8 प्रमुख शहरों में घरों के दाम चौथी तिमाही में 11 प्रतिशत तक बढ़े
नई दिल्ली। देश के 8 प्रमुख शहरों में जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान आवासीय इकाइयों की कीमतों में सालाना आधार पर 11 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है। इस दौरान मांग बढ़ने और निर्माण लागत में तीव्र बढ़ोतरी से घरों की कीमतें बढ़ीं।
रियल एस्टेट डेवलपरों के संगठन क्रेडाई, रियल एस्टेट सलाहकार फर्म कोलियर्स और डेटा विश्लेषक फर्म लियासे फोरस की एक साझा रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है। इन तीनों ने मिलकर पहली बार घरों की कीमतों पर निगरानी रखने संबंधी रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर के इलाके में सबसे ज्यादा 11 प्रतिशत कीमतें बढ़ीं और जनवरी-मार्च तिमाही में आवासीय इकाइयों की कीमत 7,363 रुपए प्रति वर्गफुट तक पहुंच गई।
हैदराबाद में 1 साल पहले की तुलना में जनवरी-मार्च, 2022 की अवधि में आवासीय इकाइयों की कीमत 9 प्रतिशत बढ़कर 9,232 रुपए प्रति वर्गफुट पहुंच गई। इस तिमाही में अहमदाबाद में कीमतें 8 प्रतिशत बढ़कर 5,721 रुपए प्रति वर्गफुट और कोलकाता में 6 प्रतिशत बढ़कर 6,245 रुपए प्रति वर्गफुट हो गईं।
हालांकि बेंगलुरु, चेन्नई और मुंबई महानगर क्षेत्र में घरों की कीमतों में सिर्फ 1 प्रतिशत की ही बढ़ोतरी देखी गई। इन तीनों रियल एस्टेट बाजारों में आवासीय इकाइयों की कीमत क्रमश: 7,595 रुपए, 7,107 रुपए और 19,557 रुपए प्रति वर्गफुट हो गई। पुणे में घरों की कीमत में 1 साल पहले की तुलना में 3 प्रतिशत की तेजी देखी गई और यह 7,485 रुपए प्रति वर्गफुट पर पहुंच गई।
क्रेडाई, कोलियर्स एवं लियासे फोरस ने एक साझा बयान में कहा कि अधिकांश शहरों में घरों की मांग में तेजी आई है। इसके अलावा पिछले दो साल से निर्माण सामग्रियों के भाव भी आसमान छूने लगे हैं। इसकी वजह से सालाना आधार पर घरों के दाम सभी आठों शहरों में कोविड-पूर्व स्तर से आगे निकल चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में औसत आवासीय कीमतें लंबी सुस्ती के बाद जनवरी-मार्च, 2022 की तिमाही में एक साल पहले की तुलना में 4 प्रतिशत बढ़ गईं। यह दर्शाता है कि आवास बाजार अब पुनरुद्धार की राह पर चल पड़ा है।
कोलियर्स इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रमेश नायर ने अगली दो-3 तिमाहियों में घरों की कीमत में अभी 5-10 प्रतिशत की और बढ़ोतरी का अनुमान जताया है। उन्होंने कहा कि अपने इस्तेमाल के लिए घर लेने वालों को बाजार में भरोसा है और विश्वसनीय डेवलपरों के प्रति झुकाव होने से इस साल उनकी बिक्री अधिक रह सकती है।
लियासे फोरस के प्रबंध निदेशक पंकज कपूर ने कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में नई आवासीय परियोजनाओं की शुरुआत महामारी-पूर्व के स्तर पर पहुंच गई। ब्याज दरों में हालिया वृद्धि के बावजूद घरों की बिक्री में तेजी बनी रहेगी। क्रेडाई के अध्यक्ष हर्षवर्धन पटोदिया ने उम्मीद जताई कि सरकार की तरफ से इस्पात के कच्चे माल पर लगाई गई बंदिशों से निर्माण लागत में आने वाली कमी का फायदा अपने इस्तेमाल के लिए घर खरीदने वालों को भी पहुंचाया जाएगा।