भ्रामक विज्ञापन पर हिन्दुस्तान यूनिलीवर की खिंचाई
नई दिल्ली। विज्ञापन नियामक एएससीआई ने हिन्दुस्तार यूनिलीवर के बर्तन धोने के साबुन 'विम' की टिकिया वाले टीवी विज्ञापन को 'गुमराह' करने वाला बताते हुए कंपनी की खिंचाई की है।
भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) की राय में विम की टिकिया वाले इस विज्ञापन में प्रतिद्वंद्वी ज्योति लैबोरेटरीज के एक्सो को एक साधारण या कमतर किस्म का उत्पाद बताने की कोशिश की गई है। एएससीआई ने कहा कि उसकी उपभोक्ता शिकायत परिषद (सीसीसी) ने एचयूएल के खिलाफ शिकायत को सही माना है।
एएससीआई ने एक बयान में कहा, किसी उत्पाद को साधारण बताने के लिए कोई अन्य मानदंड नहीं है। सीसीसी मानती है कि विज्ञापन गुमराह करने वाला है और बर्तन धोने के एक्सो साबुन को बदनाम करता है। इस बारे में संपर्क किए जाने पर एचयूएल ने कहा, एक जिम्मेदार कंपनी तथा एएससीआई के सदस्य होने के नाते हमने हमेशा एएससीआई के दिशा-निर्देशों और सिफारिशों का अनुपालन किया है।
एचयूएल ने कहा, हम एएससीआई की सिफारिशों के अनुरूप विज्ञापन में उपयुक्त संशोधन करेंगे। एएससीआई ने एचयूएल से विज्ञापन में यह भी संशोधन करने को कहा जिसमें दावा किया गया है कि विम ग्रीस को तेजी से हटाता है। एजेंसी का मानना है कि दावा और उसकी घोषणा में अंतर है। कंपनी जो ग्रीस का दावा करती है, वह वास्तव में तेल के धब्बे हैं। (भाषा)