Last Modified: नई दिल्ली ,
गुरुवार, 22 नवंबर 2007 (18:24 IST)
विदेशों में विलय व अधिग्रहण ब़ढ़े
भारतीय कंपनियों के लिए अमेरिका अभी भी पसंदीदा देश
भारतीय कंपनियों द्वारा विदेशों में विलय एवं अधिग्रहण संबंधी गतिविधियाँ अब सिर्फ अमेरिका व ब्रिटेन तक ही सीमित नहीं रह गई हैं। अब स्कॉटलैंड, कनाडा, ब्राजील, नीदरलैंड्स व सिंगापुर जैसे देशों तक भारतीय कंपनियों ने अपना परचम फहरा दिया है।
वैश्विक सलाहकार फर्म ग्रांट थोर्नटन द्वारा पेश रिपोर्ट के अनुसार स्कॉटलैंड, कनाडा, ब्राजील, नीदरलैंड्स व सिंगापुर में भारतीय कंपनियों द्वारा किए जा रहे विलय-अधिग्रहण ब्रिटेन में इनके द्वारा किए गए विलय-अधिग्रहण से अधिक हैं। इस वर्ष भारतीय कंपनियों ने ब्रिटेन में अभी तक विलय व अधिग्रहण के नौ सौदे किए हैं, जिकना कुल मूल्य 5.85 करो़ड़ डॉलर है। इसके विपरीत भारतीय कंपनियों ने कनाडा में कुल 16.67 करो़ड़ डॉलर मूल्य में चार कंपनियों का अधिग्रहण किया है।
स्कॉटलैंड में 8 करो़ड़ डॉलर में एक सौदा तथा ब्राजील में 3.3 करो़ड़ डॉलर में एक सौदा किया है। भारतीय कंपनियों ने अपने कदम सिंगापुर में भी रख दिए हैं। इस वर्ष सिंगापुर में भारतीय कंपनियों ने 15.48 करो़ड़ डॉलर मूल्य के छह विलय-अधिग्रहण सौदे किए हैं। नीदरलैंड्स में भारतीय कंपनियों ने 2.8 करो़ड़ डॉलर के सौदे किए हैं।
हालांकि विलय-अधिग्रहण के मामले में अमेरिका अभी भी भारतीय कंपनियों का पसंदीदा देश बना हुआ है। इस वर्ष अक्टूबर तक भारतीय कंपनियों ने यहाँ 1.58 अरब डॉलर मूल्य के 35 सौदे किए हैं। भारतीय कंपनियों इस वर्ष द्वारा विदेशों में किए गए कुल विलय-अधिग्रहण में अमेरिका का हिस्सा 75 प्रश रहा है। इसके बाद कनाडा का हिस्सा 7.90 तथा सिंगापुर का 7.34 प्रश रहा। चालू वर्ष के पहले दस महीनों में भारतीय कंपनियों ने विदेशों में 47.18 अरब डॉलर के कुल 305 सौदे किए, जबकि घरेलू बाजार में इन कंपनियों ने 275 सौदे ही किए।