Last Modified: नई दिल्ली ,
बुधवार, 14 अप्रैल 2010 (22:06 IST)
एफएसडीसी से यूलिप जैसे मसले सुलझेंगे : मोंटेक
योजना आयोग ने कहा है कि यूलिप के प्रशासन से संबंधित सेबी और इरडा के बीच विवाद की वजह नियामक संबंधी अंतर हैं। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया का मानना है कि वित्तीय स्थायित्व एवं विकास परिषद (एफएसडीसी) के गठन से इस तरह के मुद्दों को सुलझाने में मदद मिलेगी।
यहाँ एक समारोह को संबोधित करते हुए अहलूवालिया ने कहा कि दोनों नियामकों के बीच मतभेदों से बाजार में किसी तरह की अनिश्चितता नहीं है। सेबी और इरडा के बीच जारी विवाद के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा‘मुझे नहीं लगता कि बाजार में किसी तरह की अनिश्चितता है। ऐसा दुनिया भर में होता है।’
प्रस्तावित एफएसडीसी के बारे में उन्होंने कहा कि इससे नियामकों के बीच के अंतर को पाटने में मदद मिलेगी। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने अपने बजट भाषण में इस परिषद के गठन का प्रस्ताव किया था। परिषद अंतर नियामक संयोजन जैसे मसलों को सुलझाने में मदद करेगी। हालाँकि सरकार ने अभी तक एफएसडीसी का ढाँचा तैयार नहीं किया है।
इस मसले को जटिल और कानूनी बताते हुए अहलूवालिया ने कहा ‘मुझे लगता है कि इसे सुलझा लिया गया है..वित्तीय क्षेत्र में एक बड़ी समस्या यह है कि वित्तीय प्रणाली के विभिन्न हिस्सों का गठन अलग-अलग किया गया है, ऐसे में नियामक संबंधी अंतर रहेगा।’(भाषा)