रविवार, 22 दिसंबर 2024
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Astro Tips : मेहनत का नहीं मिलता फल तो क्या करें, 5 उपाय

Astro Tips : मेहनत का नहीं मिलता फल तो क्या करें, 5 उपाय - Lal Kitab Astro Tips
कई बार ऐसा होता है कि बहुत मेहनत करने के बाद भी मनचाहा फल प्राप्त नहीं होता। हर बार किस्मत धोका दे जाती है। मतलब यह कि कर्म तो पूर्ण है लेकिन भाग्य ने साथ नहीं दिया। कई बार ऐसा भी होता है कि हम मेहनत करें और फल किसी और को मिल जाए। ऐसे में समझ जाएं कि आपका भाग्य सोया हुआ है और उसे जगाने की जरूर है।
 
 
कैसे सोया हुआ है भाग्य?
1. कुंडली के जिस भाव में कोई ग्रह नहीं है और जिस पर किसी ग्रह की दृष्टि भी नहीं पड़ रही है वह सोया भाव होता है।
 
2. कुंडली का नवां भाव सोया है तो मतलब भाग्य भी सोया हुआ है। जैसे भाग्य के स्‍थान पर कोई ग्रह नहीं है और उस स्थान पर किसी ग्रह की दृष्टि भी नहीं पड़ रही है तो वह सोया हुआ भाव है। 
 
3. सोया भाग के अलाव सोया ग्रह से मतलब यह है कि उसका शुभ या अशुभ प्रभाव सिर्फ उसी भाव में होगा जिस भाव में वह बैठा यानी कि स्थित है। इसकी कई स्थितियां होती है।
 
4. पहला यह कि कोई ग्रह यदि सूर्य के सपीप है तो उसे अस्त माना जाएगा। दूसरा यह कि जब पहले भावों (1 से 6 तक के खाने) में कोई ग्रह न हो तो बाद के भावों ( 7 से 12 तक के खाने) के ग्रह सोये हुए माने जाएंगे। तीसरा यह कि पहले भावों में कोई ग्रह न हो तो बाद के भावों के ग्रह सोये हुए माने जाएंगे। चौथी स्थिति यह कि जब कोई ग्रह स्वयं की राशी, उच्च राशी या अपने पक्के घर में नहीं बैठा हो। पांचवीं स्थिति भाव 10 में कोई ग्रह न हो तो भाव 2 के ग्रह सोये होंगे। भाव 2 में कोई ग्रह न हो तो भाव 9 व 10 के ग्रह सोये होंगे।
 
कैसे जागेंगे भाग्य :
1. पाप कर्म करना बंद कर दें। मांस, मदिरा आदि व्यसन से दूर रहें। घर की महिलाओं का सम्मान करें। झूठ ना बोलें। पिता और दादा से संबंध अच्छे रखें।
 
2. अपने ईष्टदेव की शरण में रहें। उनकी नित्य पूजा और भक्ति करें। गुरुवार का व्रत रखें और प्रति गुरुवार को मंदिर जाएं। 
 
3. बृहस्पति से संबंधित उपाय करें। जैसे पीपल की जड़ में नित्य जल चढ़ाएं। पीले फुल वाले पौधे गृहवाटिका में लगाएं। पीली वस्तुएं मंदिर में दान करें। नाक साफ रखें। पीले वस्त्र पहनें। पवित्र और प्रसन्नचित्त रहें।
 
4. कम से कम 60 दिन तक माथे पर केसर या चंदन का सुगंधित तिलक लगाएं।
 
5. घर का ईशान कोण खाली, साफ स्वच्छ रखें। वहां जल की स्थापना करें। और घर में प्रतिदिन कर्पूर जलाएं।