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Last Updated : रविवार, 10 अक्टूबर 2021 (00:57 IST)

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में UP पुलिस का एक्शन, 12 घंटे की पूछताछ के बाद आशीष मिश्रा गिरफ्तार

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में UP पुलिस का एक्शन, 12 घंटे की पूछताछ के बाद आशीष मिश्रा गिरफ्तार - main accused in lakhimpur violence case ashish mishra arrested
लखीमपुर खीरी। उत्तरप्रदेश में लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में पिछले रविवार को हुई हिंसा में 8 लोगों की मौत के मामले में पुलिस की क्राइम ब्रांच ने केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के पुत्र आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को लगभग 12 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। आशीष मिश्रा को लखीमपुर जेल भेजा गया है। उसे शनिवार और रविवार को अब जेल में ही रहना होगा।

क्राइम ब्रांच में ही आशीष मिश्रा का मेडिकल करवाया गया। देर रात आशीष को जेल में ही मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया। आशीष सोमवार तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे। पुलिस कस्टडी पर सोमवार को फैसला होगा।

पुलिस उप महानिरीक्षक उपेन्द्र अग्रवाल ने देर रात पत्रकारों को बताया कि आशीष पुलिस से पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा है और कई सवालों का जवाब नहीं दे रहा है। लिहाजा उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।  न्यायालय से पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड में लेने की अपील की जाएगी।
आशीष शनिवार सुबह 10.38 बजे क्राइम ब्रांच के अधिकारियों के सामने पेश हुआ था। वह स्कूटी से पुलिस लाइन पहुंचा और मीडियाकर्मियों को चकमा देते हुए पिछले गेट से प्रवेश कर गया। एसआईटी की टीम ने सुबह 11 बजे उससे पूछताछ शुरू कर दी। लगभग 12 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद डीआईजी ने रात करीब पौने 11 बजे बाहर निकलकर पत्रकारों को आशीष की गिरफ्तारी की औपचारिक घोषणा की।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आशीष साथ लाए सबूतों में यह स्पष्ट नहीं कर सका कि वह घटना के समय कहां था। साथ लाए वीडियो में तिकुनिया में घटी हिंसक घटना के समय दंगल में होने की पुष्टि नहीं हो सकी है। आशीष की सफाई और सबूतों से अधिकारी संतुष्ट नहीं हुए।

इसके बाद उसे आईपीसी की धारा 302 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। उसका मेडिकल करवाने के बाद। रविवार सुबह उसे अदालत में पेश कर रिमांड में लेने की अपील की जाएगी। इस बीच जिले में एहतियात के तौर पर पुलिस की चौकसी बढ़ा दी गई है।
 
सूत्रों ने बताया कि एसआईटी ने आरोपी के सामने 40 सवालों  की सूची रखी थी। पूछताछ की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई। आरोपी 10 लोगों का हलफनामा लेकर आया था जिन्होंने स्वीकार किया था कि घटना के समय आरोपी दंगल में मौजूद था।

इसके अलावा वह वीडियो की पेन ड्राइव साक्ष्य के तौर पर साथ लेकर आया था। पूछताछ के दौरान आशीष से एक लिखित बयान उसके वकील की उपस्थिति में लिया गया। आशीष के वकील अवधेश कुमार ने कहा कि उनका मुवक्किल नोटिस का सम्मान करता है और जांच में हर प्रकार से सहयोग देने को तैयार है। पूछताछ के दौरान डीआईजी और एसपी रैंक के अधिकारी मौजूद रहे।
 
इस बीच शुक्रवार रात लखनऊ पुलिस ने छापा मारकर आशीष के दोस्त अंकित दास के घर से एसयूवी बरामद की जो घटना के दिन वहां मौजूद थी। हालांकि अंकित पुलिस के हाथ नहीं लगा लेकिन पुलिस ने उसके चालक को हिरासत में ले लिया। अंकित दिवंगत बसपा सांसद अखिलेश दास का भतीजा है। इस मामले में पुलिस ने आशीष के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 120बी, 304ए 147,148,149 ,279 और 338 के तहत मामला दर्ज किया है।
केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी ने अपने पुत्र को बेगुनाह बताते हुए दावा किया था। आशीष के नेपाल भागने की खबरों पर विराम लगाते हुए उन्होंने कहा था कि वह घर पर है और जांच में पूरा सहयोग देने को तैयार है।

इस बीच क्राइम ब्रांच में केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री के आवास पर दो बार नोटिस चस्पा कर आशीष को पुलिस लाइन में हाजिर होने के निर्देश दिए थे। पहली नोटिस के अनुसार उसे शुक्रवार को हाजिर होना था मगर वह नहीं आया, जिसके बाद शुक्रवार को एक और नोटिस चस्पा कर उसे आज 11 बजे हाजिर होने को कहा गया था।(इनपुट वार्ता)
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