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Written By WD
Last Modified: शुक्रवार, 3 दिसंबर 2010 (10:33 IST)

कोमा में भी दिमाग करता है काम

कोमा में भी दिमाग करता है काम -
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व्यक्ति के कोमा में रहने पर साधारणतः लोग समझते हैं कि मनुष्य में सोचने, समझने और सुनने की क्षमता नहीं होती है। लेकिन वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोध में इस बात का पता चला है कि ऐसा नहीं है। मनुष्य के कोमा में रहने के बावजूद वह बातों को समझ और सुन सकता है।

ब्रिटेन और बेल्जियम के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार किसी दुर्घटना में व्यक्ति के दिमाग के चोटिल होकर कोमा में पहुँचने के बावजूद उसमें संवेदना रहती है और वह सुनने और समझने की स्थिति में रहता है। वैज्ञानिकों ने इसके लिए कोमा में गए एक 29 साल के व्यक्ति पर शोध किया।

2003 में कार दुर्घटना के दौरान इस व्यक्ति का दिमाग क्षतिग्रस्त हो गया था। उच्च तकनीक से लैस एफएमआरआई स्कैन के माध्यम से व्यक्ति की दिमागी गतिविधियों का अध्ययन किया गया। इस व्यक्ति ने किसी भी प्रकार की बाहरी गतिविधि नहीं दिखाई लेकिन उसके दिमाग में हलचल जारी थी।

कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के डॉक्टर एड्रियन ऑन ने बताया कि 'स्कैनर से मिले संकेतों से पता लग रहा था कि आसपास मौजूद लोगों के सवालों के जवाब में उनके दिमाग में हाँ या ना के जवाब दर्ज हो रहे थे।' वैज्ञानिकों ने बताया कि उसको जो साधारण से निर्देश दिए जा रहे थे उनके प्रति भी उसके दिमाग में संवेदना पैदा हो रही थी। व्यक्ति की इस प्रतिक्रिया को देखकर वहाँ मौजूद सभी डॉक्टर आश्चर्य में पड़ गए।