गुरुवार, 24 जुलाई 2025
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. »
  3. नन्ही दुनिया
  4. »
  5. कविता
  6. मटके
Written By WD

मटके

मटके नन्ही दुनिया कविता
गोविंद सेन

बाजारों में छाए मटके
बहुत दूर से आए मटके
गोरे मटके, काले मटके
अपने देखे-भाले मटके
देशी फ्रिज कहलाते हैं
ठंडा पानी पिलवाते हैं
गर्मी में ही आते मटके
जल की महिमा गाते मटके
गर्मी से लोहा लेते हैं
कूल सभी को कर देते हैं
अंगारों पर पके हैं मटके
तभी तो कुंदन बने हैं मटके
नीम की मीठी छाँव हैं मटके
पानी का इक गाँहैमटक