• Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नन्ही दुनिया
  3. कविता
  4. poem on mother

हिन्दी कविता : जब तक जग में मांएं हैं

हिन्दी कविता : जब तक जग में मांएं हैं - poem on mother
वे रखते ईर्ष्याएं हैं, 
मेरे पास दुआएं हैं। 


 
तुमने लिखे व्यंग्य ढेरों,
हमने तो कविताएं हैं। 
 
धमनी होगी, होगी ही,
जिनके पास शिराएं हैं। 
 
उन्हें कहानी भाती है,
हमको लोककथाएं हैं। 
 
सिर पर वरदहस्त होगा,
जब तक जग में मांएं हैं
 
ये भी पढ़ें
कहानी : डाकू की बेटी राजकुमारी