प्रेरणादायक बाल कविता: बचपन देखो, कितना प्यारा
उड़ो-उड़ो ओ नन्हे पंछी,
नन्हे कदम, बड़े हैं सपने।
खुले गगन में दूर कहीं पर
लगे हैं सपने आज संवरने।
डरना नहीं, नहीं है थकना,
सूरज जागा, आशा आई
मंज़िल अपनी, पास वहीं हैं।
फूल खिले, हरियाली छाई।
हंसते जाओ, गाते जाओ,
जीवन की धुन खूब बजाओ।
तारे गिनो, कुलांचे भर कर
अपनी दुनिया, स्वयं सजाओ।
संघर्षों की आग में तप कर
बनोगे तुम, सबसे ही उत्तम।
हिम्मत धैर्य रखो तुम मन में
ज्ञान की बातें, सीखो हरदम
तुम सब भारत की हो शान।
सपनों को लो, मन में तोल।
भारत के तुम, नाम महान।
प्यारे बच्चो तुम अनमोल।
करोगे रोशन, जग ये सारा
बचपन देखो, कितना प्यारा!
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